भोपाल, 28 जून (भाषा) कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ जातीय वैमनस्यता फैलाने के आरोप में अशोकनगर जिले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी के मुताबिक एक युवक की शिकायत पर यह प्राथमिकी जिले के मुंगावली थाने में दर्ज की गई है।
इस मामले में खास बात यह है कि प्राथमिकी दर्ज कराने वाला युवक वही है, जिसने कुछ दिन पहले अपने भाई के साथ पटवारी से मुलाकात की थी और कथित तौर पर उसे मानव मल खिलाए जाने के मामले में उनसे मदद की गुहार लगाई थी।
पटवारी ने हालांकि कहा कि प्राथमिकी ने सत्ताधारी ताकतों की तानाशाही और पीड़ितों की आवाज दबाने के उनके प्रयासों को उजागर किया है।
मुंगावली थाने के प्रभारी जोगिंदर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मूड़रा बरवाह गांव के रहने वाले लोधी समाज के जिस युवक ने मल खिलाए जाने की बात कही थी, वास्तव में वह घटना झूठी थी।
उन्होंने कहा कि पटवारी ने बरगलाने का प्रयास किया और इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर समाज में वैमनस्यता फैलाने, जातीय समुदायों को आपस में लड़ाने और शांति भंग करने का प्रयास किया।
सिंह ने सवाल किया कि 21वीं सदी में कौन किसको मल खिला रहा है?
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता युवक ने स्वीकार किया है कि उसके साथ मारपीट की गई है लेकिन उसने मल खिलाए जाने वाली बात से इनकार किया है।
थाना प्रभारी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि युवक ने पटवारी पर यह आरोप भी लगाया है कि उन्होंने उसे मोटरसाइकिल देने और परिवार का ख्याल रखने का आश्वासन दिया है।
ज्ञात हो कि युवक ने गांव के सरपंच पति और उसके बेटे पर राशन पर्ची को लेकर हुए विवाद में मारपीट करने और कथित तौर पर मानव मल खिलाने का आरोप लगाया था।
इस सिलसिले में पटवारी से हुई मुलाकात के दौरान उसने कहा था कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
पटवारी ने उसी वक्त जिलाधिकारी को फोन लगाया था और इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था। उन्होंने इस मुलाकात का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी साझा किया था।
हालांकि अब वह युवक अपने आरोप से पलट गया है और उसने पटवारी के खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज करा दी है।
पुलिस ने इस मामले में पटवारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से एक बार फिर सत्ताधारी ताकतों की तानाशाही और पीड़ितों की आवाज दबाने के उनके प्रयासों का पर्दाफाश हुआ है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह मामला केवल एक प्राथमिकी तक सीमित नहीं है बल्कि सत्तारूढ़ दल द्वारा दबाव और हेरफेर की गहरी साजिश का हिस्सा है, जो विपक्षी नेताओं को बदनाम करने और सच्चाई को दफनाने के लिए रचा जा रहा है।’’
पटवारी ने आगे कहा कि इस मामले के सुर्खियों में आने के दो दिन बाद, युवक अपना बयान वापस ले गया और कलेक्टर को दिए एक हलफनामे में दावा किया कि उसने अपने इशारे पर झूठे आरोप लगाए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि युवक के हलफनामे और प्राथमिकी के पीछे मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार का दबाव दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से यह पूरा मामला रातोंरात पलट गया, वह सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा सत्ता और प्रभाव के दुरुपयोग को दर्शाता है।’’
भाषा सं ब्रजेन्द्र अमित सुरभि
सुरभि