ढाका, 28 जून (भाषा) बांग्लादेश ने कहा है कि वह सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, लेकिन सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक संरचनाओं का निर्माण किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय का यह बयान शुक्रवार को आया, जब एक दिन पहले ही भारत ने ढाका में एक दुर्गा मंदिर तोड़े जाने की निंदा की थी और कहा था हिंदू समुदाय और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है।
बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने दावा किया है कि ढाका के खिलखेत क्षेत्र में स्थित मंदिर बांग्लादेश रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर बनाया गया था और सार्वजनिक भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए उचित प्रक्रिया के तहत इसे हटाया गया।
मंत्रालय ने दावा किया कि शुरुआत में यह मंदिर एक अस्थायी पंडाल था, लेकिन आयोजकों ने बार-बार चेतावनी के बावजूद इसे स्थायी बनाने की कोशिश की।
समाचार एजेंसी बीएसएस की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि 26 जून को बांग्लादेश रेलवे ने खिलखेत क्षेत्र में रेल पटरी के किनारे सभी अनधिकृत संरचनाओं को शांतिपूर्ण तरीके से हटा दिया।
मंत्रालय ने कहा, ‘देश का कानून सभी धर्मों के पूजा स्थलों को बिना किसी भेदभाव के पूरी सुरक्षा देता है, बशर्ते वे कानूनी मानकों के अनुरूप बनाए गए हों। लेकिन किसी भी परिस्थिति में किसी को भी सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण करके कोई धार्मिक संरचना बनाने की अनुमति नहीं है।’
मंत्रालय ने कहा, ‘बांग्लादेश पूजा स्थलों की सुरक्षा सहित सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।’
भाषा योगेश अविनाश
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