(विनय शुक्ला)
मॉस्को, 28 जून (भाषा) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
पुतिन द्वारा पश्चिमी देशों की आलोचना यूक्रेन में संघर्ष को लेकर इन देशों के साथ रूस के तनावपूर्ण संबंधों के बीच आई है।
पुतिन ने शुक्रवार को बेलारूस की राजधानी मिंस्क में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘जब तक इस्लामिक स्टेट (आईएस) रूस के खिलाफ काम करता रहा, किसी ने भी उस पर (आईएस पर) ध्यान नहीं दिया। मॉस्को में विस्फोट जैसी घटनाएं आज भी हो रही हैं, लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा।’
यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी इस पर ध्यान नहीं देना चाहता। जब तक यह रूस के खिलाफ है, सब ठीक है।’’
पुतिन ने कहा, ‘‘ऐसा उस वक्त हुआ, जब पश्चिमी देशों ने हमारे देश में अलगाववाद को बढ़ावा दिया और रूस के खिलाफ लड़ाई के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल किया।’’
सरकारी टेलीविजन ‘रूस टुडे’ ने पुतिन के हवाले से कहा कि मॉस्को अब पश्चिम के साथ ‘‘एकतरफा’’ खेल नहीं खेलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी देशों ने नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) विस्तार और यूक्रेन संघर्ष को हल करने से संबंधित अपने वादों को पूरा न करके बार-बार रूस को धोखा दिया है।’’
पुतिन ने कहा कि नाटो वर्तमान में रूस की ‘‘आक्रामकता’’ का हवाला देकर अपने सदस्यों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5 प्रतिशत तक रक्षा खर्च में वृद्धि और यूरोप में सैन्य तैनाती को उचित ठहरा रहा है। उन्होंने कहा कि जब नाटो के सदस्य इस तरह के बयान देते हैं तो वे ‘‘सब कुछ उल्टा कर देते हैं।’’
सरकारी टीवी ने पुतिन के हवाले से कहा, ‘‘कोई भी इस बारे में एक शब्द तक नहीं बोल रहा है कि हम रूसी, विशेष सैन्य अभियान तक कैसे पहुंचे’’ और कहा कि यूक्रेन संघर्ष की जड़ें दशकों पहले तक जाती हैं जब मॉस्को से नाटो विस्तार के बारे में ‘‘झूठ बोला गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, निरंतर इसे विस्तारित किया गया।’
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