हमीरपुर, 28 जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यहां जियोमार्ट (घोडावत कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड) को सेवा में कमी, मानसिक उत्पीड़न और व्यापार में अनुचित व्यवहार का दोषी पाया तथा उसे शिकायतकर्ता को कुल 72,263 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
दरकोटी गांव की रहने वाली बबीता रानी ने इस सिलसिले में एक शिकायत दायर की थी।
उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘‘द स्टार, 555 जेएसआर लचकरी/वडा कोलम’’ ब्रांड के 30 किलोग्राम चावल का ऑर्डर दिया था और 20 अगस्त 2023 को इसे प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि हालांकि, थैला खोलने पर उन्हें चावल में से दुर्गंध आई और इसे खाने के बाद उनका पूरा परिवार बीमार पड़ गया था।
शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अनिल कुमार ने तर्क दिया कि उत्पाद स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
आयोग ने खाद्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर चावल में बिना अनुमति प्राप्त रंग मिला पाया और इसे ‘‘असुरक्षित खाद्यान्न’’ बताया।
आयोग ने कंपनी को चावल की कीमत 2,263 रुपये, नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया।
उसने मानसिक उत्पीड़न के लिए 30,000 रुपये, मुकदमे के खर्च के तौर पर 20,000 रुपये और जिला उपभोक्ता कानूनी सहायता कोष, कांगड़ा में अतिरिक्त 20,000 रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया।
आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा और सदस्य स्नेह लता की पीठ ने कंपनी को भविष्य में असुरक्षित चावल बेचने से परहेज करने और खाद्य उत्पादों में बिना अनुमति प्राप्त रंग का इस्तेमाल बंद करने का भी आदेश दिया।
भाषा सुभाष रंजन
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