शिमला, 28 जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्य की सभी पंचायतों में आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित करने को लेकर अपनी सहमति दे दी। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यहां आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में मानव जीवन और सम्पत्तियों को बचाने की खातिर प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए राज्य की 3,645 पंचायतों में से प्रत्येक में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केन्द्र स्थापित करने को अपनी सहमति प्रदान की।
यहां जारी बयान में कहा गया है कि स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने तथा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए ब्याज सब्सिडी के प्रावधान को भी मंजूरी दी गई।
इस पहल के अंतर्गत जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से एक मेगावाट तक की सौर परियोजनाओं के लिए पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी जबकि गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए चार प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
मंत्रिमंडल ने हरित पंचायत योजना के तहत 100 पंचायतों में 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए हिमाचल प्रदेश ऊर्जा विकास एजेंसी (हिमऊर्जा) और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी।
प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख रुपये मासिक राजस्व का सृजन होने की उम्मीद है, जिसमें से 30 प्रतिशत हिमऊर्जा को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार को तथा 40 प्रतिशत संबंधित ग्राम पंचायतों को जाएगा।
बयान में कहा गया है कि अनाथों और विधवाओं के कल्याण के लिए विशेष रूप से ग्राम पंचायतों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सा आवंटित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने ‘पे मैट्रिक्स लेवल-11’ के पदों को ग्रुप-बी से ग्रुप-सी में पुनर्वर्गीकृत करने को भी मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के साथ, केवल वास्तविक हिमाचली उम्मीदवार ही इन पुनर्वर्गीकृत ग्रुप-सी पदों के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
मंत्रिमंडल ने पात्र गैर-सरकारी डेयरी सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए दुग्ध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया, जिसके तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दूध उत्पादकों को तीन रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
बयान के अनुसार हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने के निर्णय को मंजूरी दी गई। इसमें कहा गया है कि यह कदम कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित करने के अनुरूप है और इसका उद्देश्य शिमला शहर में भीड़भाड़ कम करने में मदद करना है।
भाषा देवेंद्र अविनाश
अविनाश