गुवाहाटी, 28 जून (भाषा) कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई ने शनिवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सरकार के मंत्रियों और विधायकों के परिवार के सदस्य और सहयोगी एक सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं, जिससे राज्य में वास्तविक लाभार्थी वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की भूमिका की भी आलोचना की और इसे ‘‘राजनीतिक पक्षपात का खुला समर्थन’’ बताया।
गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में असम में डेयरी पालन की स्थापना के लिए उद्यमी को सहायता (2022-23) योजना के लाभार्थियों की जांच कराने का अनुरोध किया।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गोगोई द्वारा यह आरोप डेयरी पालन प्रोत्साहन योजना के तहत लाभार्थियों की सूची में मंत्रियों और विधायकों के परिवार के सदस्यों के नाम शामिल होने की खबरों के बाद आया है।
गोगोई ने कहा कि इस योजना को असम सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता मिलती है और प्रत्येक इकाई 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी के लिए पात्र है, जिसका उद्देश्य डेयरी क्षेत्र में वास्तविक उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ‘‘हालांकि, कई रिपोर्ट और आधिकारिक दस्तावेज लाभार्थियों के चयन में अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं। योजना के कई लाभार्थी राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों के परिवार के सदस्य या सहयोगी प्रतीत होते हैं, जबकि कई पुराने डेयरी किसान कथित तौर पर कई बार आवेदन करने और पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने के बावजूद नजरअंदाज कर दिए गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि अनुभवी डेयरी उद्यमियों को वंचित रखने से चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
गोगोई ने कहा, ‘‘असम के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया भी काफी चिंताजनक है, जिन्होंने डेयरी योजना के लाभार्थियों की सूची में मंत्रियों के परिवार के सदस्यों को शामिल करने को उचित ठहराया है।’’
उन्होंने शर्मा के इस कथित बयान का जिक्र किया कि सत्ता से बाहर होने पर मंत्रियों के परिवारों को आय के स्रोत की आवश्यकता होगी।
भाषा शफीक संतोष
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