मथुरा, 28 जून (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना नदी में प्रदूषण के लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने, कूड़े के पहाड़ों (ढेर ) को हटाने और नालों से गाद निकालने का लक्ष्य रखा है।
कोसी कलां कस्बे के निकट कमर गांव में दिल्ली के उद्यमियों द्वारा 16 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित 2.5 टन प्रतिदिन क्षमता वाले बायो-सीएनजी संयंत्र का उद्घाटन करने आईं मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि गोबर से होने वाले यमुना प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार डेयरी कॉलोनियों में न केवल हर जरूरी सुविधा मुहैया कराएंगे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘वेस्ट टू वेल्थ’ मंत्र का प्रयोग करते हुए दो साल में दिल्ली की जरूरत के मुताबिक गोबर गैस संयंत्र भी स्थापित करेंगे।
इसकी शुरुआत भी इस साल के अंत तक दो गोबर गैस संयंत्र की स्थापना से हो जाएगी।
इस मौके पर उप्र के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी भी मौजूद थे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ” जब मैंने दिल्ली की सड़कों पर गोबर होने का कारण जानने के लिए डेयरी मालिकों से बात की और उनसे अपनी डेयरी कॉलोनियों में न जाने का कारण पूछा तो पता चला कि 1975 के बाद बनी सभी डेयरी कॉलोनियों में उनके (डेयरी संचालकों) लिए उपयुक्त सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गईं, जिस कारण वे कभी भी अपनी डेयरी कॉलोनियों में नहीं गए।”
गुप्ता ने कहा कि अब दिल्ली सरकार उन सभी समस्याओं का कारण और समाधान ढूंढकर उनका समाधान कर रही है, जिन्हें पिछली सरकारों ने वर्षों तक नहीं देखा, नहीं समझा और उनके समाधान पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा, इसीलिए दिल्ली की हालत यह है कि रोजाना हजारों मीट्रिक टन गोबर दिल्ली की सड़कों पर जमा हो जाता है, जो नगर निगम के लिए भी एक अनसुलझी समस्या बनी हुई है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हजारों टन गोबर नालों के जरिए यमुना नदी के प्रदूषण का बड़ा कारण बन गया है।
भाषा
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