चंडीगढ़, 28 जून (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को मजीठिया की गिरफ्तारी के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला इसलिए दर्ज किया गया क्योंकि वह विभिन्न मुद्दों पर मान सरकार की ‘‘लगातार पोल खोल रहे थे।’’
बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चुनौती दी कि वह साबित करें कि सराया इंडस्ट्रीज को 2007 से एक रुपया भी विदेशी निधि के रूप में मिला है। सराया इंडस्ट्रीज में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को विरासत में 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मजीठिया को 540 करोड़ रुपये से अधिक की ‘‘ड्रग मनी’’ का शोधन करने के आरोप में 25 जून को गिरफ्तार कर लिया था।
ब्यूरो ने दावा किया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मादक पदार्थ से अर्जित 540 करोड़ रुपये से अधिक राशि का कई माध्यमों से शोधन किया गया जिसकी सुविधा कथित तौर पर मजीठिया ने प्रदान की।
ब्यूरो ने बताया कि इसमें मजीठिया द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में जमा की गई 161 करोड़ रुपये की भारी बेहिसाबी नकदी, संदिग्ध विदेशी इकाइयों के माध्यम से 141 करोड़ रुपये की हेराफेरी, कंपनी के वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण या स्पष्टीकरण के बिना 236 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जमा और बिना किसी वैध आय स्रोत के मजीठिया द्वारा चल और अचल संपत्तियों का अधिग्रहण शामिल है।
यहां मीडिया को संबोधित करते हुए शिअद प्रमुख ने मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के संबंध में सतर्कता ब्यूरो के दावों को खारिज कर दिया।
बादल ने कहा, ‘‘सराया इंडस्ट्रीज को एकमात्र विदेशी निधि मार्च 2006 में मिली थी (राज्य में अकाली दल की सरकार बनने से एक साल पहले) जब उसे कंपनी में 25 प्रतिशत शेयरों के बदले अमेरिका स्थित क्लियरवाटर कॉरपोरेशन से 35 करोड़ रुपये मिले थे। मजीठिया 2007 में राजनीति में आए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्लियरवाटर कॉरपोरेशन, जिसके कई देशों में कार्यालय हैं, ने वैश्विक स्तर पर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस कंपनी द्वारा एनबीएफसी के माध्यम से सराया इंडस्ट्रीज में किया गया सारा निवेश भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से उचित मंजूरी और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी के बाद किया गया था।’’
शिअद प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि गन्ना खरीद और डिस्टिलरी व्यवसाय के दौरान सराया इंडस्ट्रीज द्वारा किए गए सभी नकद लेनदेन की भी आयकर विभाग द्वारा जांच की गई थी।’’
बादल ने मुख्यमंत्री मान पर मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए राज्य पुलिस प्रमुख पर दबाव डालने का आरोप लगाया।
शिअद प्रमुख ने दावा किया कि मामला दर्ज करने से पहले कोई जांच नहीं की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘सतर्कता विभाग ने मजीठिया को प्रश्नावली जारी करना उचित नहीं समझा, जो इस तरह का मामला दर्ज करने से पहले एक अनिवार्य शर्त है।’’
बादल ने पूरे मामले को ‘‘अवैध और जानबूझकर गढ़ा गया’’ करार देते हुए कहा, ‘‘हम लोगों के पास जाएंगे और ‘आप’ सरकार को बेनकाब करेंगे।’’
भाषा
देवेंद्र संतोष
संतोष