ठाणे, 29 जून (भाषा) महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने महिलाओं की तस्करी और उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेलने के 2015 के एक मामले में आरोपी 57 वर्षीय महिला को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएस भागवत ने 21 जून को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी मधु अर्जुन यादव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहा।
आदेश की एक प्रति शनिवार को प्राप्त हुई।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि ठाणे पुलिस की मानव तस्करी रोधी शाखा के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर 10 फरवरी, 2015 को महाराष्ट्र के ठाणे शहर के सावरकर नगर स्थित एक अपार्टमेंट पर छापा मारा और एक नकली ग्राहक भेजकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पुलिस ने वहां से तीन महिलाओं को भी मुक्त कराया, जिन्हें देह व्यापार में धकेला गया था।
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (मानव तस्करी) और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन ने न तो फर्जी ग्राहक को पेश किया और न ही उन महिलाओं को, जिन्हें कथित रूप से मुक्त कराया गया था।
अदालत को बताया गया कि पीड़ित महिलाएं नहीं मिल पाईं और फर्जी ग्राहक कई बार समन भेजे जाने के बावजूद पेश नहीं हुआ।
अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मामला पिछले 10 वर्षों से लंबित है और इन परिस्थितियों में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
भाषा योगेश जोहेब
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