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पुरी, 29 जून (भाषा) ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और करीब 50 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथयात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्रित हुए थे।
जिस अस्पताल में घायलों का उपचार हो रहा है, वहां के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘50 घायलों में से छह लोग अब भी होश में नहीं आए हैं और उनकी हालत बहुत गंभीर है।’’
अधिकारियों ने बताया कि अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गयी।
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवताओं की एक झलक पाने के लिए तड़के से ही मंदिर के बाहर एकत्र हो गए थे, क्योंकि अनुष्ठान के तहत भगवान के चेहरों पर से पाहुड़ा (कपड़ा) हटाया जाना था।
मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू (36) और बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती (80) व प्रवती दास (42) के रूप में हुई है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘भगदड़ की घटना के लिए मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं।’’
माझी ने कहा, ‘‘महाप्रभु के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में उत्सुकता अधिक थी… धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं। हम भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं… महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’’
उन्होंने यह भी कहा कि घटना के पीछे सुरक्षा संबंधी चूक की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
माझी ने कहा, ‘‘यह लापरवाही अक्षम्य है। सुरक्षा चूक की तत्काल जांच की जाएगी और मैंने निर्देश दिया है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।’’
ओडिशा के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई. बी. खुरानिया भगदड़ मामले की जांच कर रहे हैं और दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हरिचंदन ने यह भी कहा कि श्री गुंडिचा मंदिर में स्थिति अब सामान्य है।
एक अधिकारी ने कहा कि माझी ने भगदड़ की स्थिति के आकलन के लिए उपमुख्यमंत्रियों प्रवती परीदा और कनक वर्धन सिंहदेव के साथ बैठक की।
इस बीच, ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख नवीन पटनायक ने दावा किया कि भगदड़ ने श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण रथ यात्रा सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की स्पष्ट अक्षमता को उजागर किया है।
पटनायक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं शारदा बाली, पुरी में हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले तीन श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और महाप्रभु जगन्नाथ से इस घटना में घायल हुए श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की घोर विफलता के ठीक एक दिन बाद आज की भगदड़ श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की स्पष्ट अक्षमता को उजागर करती है, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए।’’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि वह ओडिशा के पुरी में एक मंदिर के पास भगदड़ मचने की घटना से बहुत दुखी हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि “लापरवाही व कुप्रबंधन” के कारण यह घटना हुई, जो माफी के लायक नहीं है।
खरगे ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मचने की घटना से बहुत दुखी हूं, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और कम से कम 50 लोग घायल हो गए। यह घटना शुक्रवार को यात्रा के दौरान 500 श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर सामने आने के बाद हुई है। मेरी कामनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। मैं सभी घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
उन्होंने लिखा, “जिस लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण यह त्रासदी हुई, वह अक्षम्य है।”
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि गंभीर रूप से घायलों में से एक को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पांच अन्य आईसीयू में हैं।
भगदड़ में मरने वालों में एक व्यक्ति की पत्नी भी शामिल थी। व्यक्ति ने बाद में संवाददाताओं को बताया, ‘‘रथों पर सवार देवताओं की एक झलक पाने की हड़बड़ी में कई श्रद्धालु गिर गए। वहां कोई पुलिस अधिकारी नहीं था। दुर्घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर एक एंबुलेंस खड़ी थी और घायलों को वाहन तक ले जाना पड़ा।’’
भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ पुरी में रथ यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचे थे।
श्री गुंडिचा मंदिर को भगवान का मौसी का घर माना जाता है, यह मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर साल भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं।
भगवान की वापसी की यात्रा को ‘बहुदा यात्रा’ के नाम से जाना जाता है जो इस साल पांच जुलाई को होगी।
भाषा सुरभि रंजन
रंजन