हैदराबाद, 29 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए रविवार को कहा कि प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं को हथियार छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए और मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए।
तेलंगाना के निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ऑपरेशन के प्रभाव को समझने के लिए पाकिस्तान की कमजोर छवि देखनी चाहिए।
शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस (केंद्र से) इन लोगों (माओवादियों) से बातचीत करने को कहती है। हमारी सरकार की हथियार रखने वालों से ‘बात नहीं करने’ की नीति है। हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों।’’
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 10,000 लोगों ने हथियार छोड़ दिए और मुख्यधारा में शामिल हो गए। शाह ने कहा कि इन लोगों ने तालुक स्तर से लेकर राज्य विधानसभाओं तक के पदों के लिए हुए चुनावों में भी हिस्सा लिया। इसी तरह पिछले डेढ़ साल में 2,000 से ज़्यादा माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
गृह मंत्री ने कहा, ‘हथियार छोड़ो और आत्मसमर्पण करो। अगर आप आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो हमने तय किया है कि 31 मार्च 2026 से पहले इस देश से नक्सलवाद को मिटा दिया जाएगा।’
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप