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चीन की रोबोट टीम ने फुटबॉल चैंपियनशिप में प्रशंसकों का जीता दिल

Newsचीन की रोबोट टीम ने फुटबॉल चैंपियनशिप में प्रशंसकों का जीता दिल

बीजिंग, 29 जून (एपी) चीन की पुरुष फुटबॉल टीम को लेकर हाल के वर्षों में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा है, लेकिन मानवरूपी रोबोट टीम ने बीजिंग में प्रशंसकों का दिल जीत लिया जिसकी वजह टीम का एथलेटिक कौशल नहीं, बल्कि उनमें इस्तेमाल कृत्रिम मेधा (एआई) प्रौद्योगिकी है।

चीन की राजधानी में शनिवार रात को रोबोट की चार टीम ने पूर्णतः स्वायत्त 3-ऑन-3 फुटबॉल मैच खेला जो पूरी तरह से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) द्वारा संचालित था। इसे चीन में पहली बार होने वाला मैच और बीजिंग में होने वाले आगामी विश्व मानवरूपी रोबोट खेलों का पूर्वावलोकन बताया जा रहा है।

आयोजकों के अनुसार, मैच का एक प्रमुख पहलू यह था कि इसमें भाग लेने वाले सभी रोबोट बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप या निगरानी के एआई-संचालित रणनीतियों का इस्तेमाल करते हुए स्वत: काम कर रहे थे।

उन्नत दृश्य सेंसर से लैस, रोबोट गेंद को पहचानने और फुर्ती के साथ मैदान के किसी भी कोने में जाने में सक्षम थे। उन्हें गिरने के बाद खुद खड़े होने के लिए भी डिजाइन किया गया है। हालांकि, मैच के दौरान कई को कर्मचारियों द्वारा स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर ले जाना पड़ा, जिससे अनुभव की वास्तविकता बढ़ गई।

चीन एआई-संचालित मानवरूपी रोबोट विकसित करने के प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है, तथा मैराथन, मुक्केबाजी और फुटबॉल जैसी खेल प्रतियोगिताओं को वास्तविक दुनिया में परीक्षण के तौर पर प्रयोग कर रहा है।

रोबोट खिलाड़ियों की आपूर्ति करने वाली कंपनी ‘बूस्टर रोबोटिक्स’ के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शेंग हाओ ने कहा कि खेल प्रतियोगिताएं मानव रोबोट के लिए आदर्श परीक्षण स्थल प्रदान करती हैं, जिससे एल्गोरिदम और एकीकृत हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर प्रणालियों के विकास में तेजी लाने में मदद मिलती है।

उन्होंने मानवरूपी रोबोट के अनुप्रयोग में सुरक्षा को मुख्य चिंता का विषय बताया। शेंग ने कहा, ‘‘भविष्य में, हम रोबोट के इंसानों के साथ फुटबॉल खेलने की व्यवस्था कर सकते हैं। इसका मतलब है कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि रोबोट पूरी तरह से सुरक्षित हों।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, रोबोट और इंसान मैच खेल सकते हैं जहां जीतना मायने नहीं रखता, लेकिन वास्तविक आक्रामक और रक्षात्मक संवाद होता है। इससे दर्शकों का भरोसा जीतने और यह समझने में मदद मिलेगी कि रोबोट सुरक्षित हैं।’’

अंतिम मुकाबले में, सिंघुआ विश्वविद्यालय की ‘टीएचयू रोबोटिक्स’ ने ‘चाइना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी’ की ‘माउंटेन सी’ टीम को पांच-तीन के स्कोर से हराकर चैंपियनशिप जीत ली।

सिंघुआ टीम के समर्थक वू ने उनकी जीत का जश्न मनाया और प्रतियोगिता की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (टीएचयू) वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन माउंटेन सी टीम (एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की) भी प्रभावशाली थी। उन्होंने बहुत सारे अद्भुत कारनामे किए।’’

चीन की पुरुष टीम ने अब तक केवल एक बार फुटबॉल विश्व कप में हिस्सा लिया है और वह अगले वर्ष कनाडा, मैक्सिको और अमेरिका में होने वाली प्रतियोगिताओं से पहले ही बाहर हो चुकी है।

एपी आशीष खारी

खारी

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