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Monday, June 30, 2025

‘इंडिया’ गठबंधन मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के खिलाफ अदालत का रुख कर सकता है : दिग्विजय

News‘इंडिया’ गठबंधन मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के खिलाफ अदालत का रुख कर सकता है : दिग्विजय

(तस्वीर के साथ)

पटना, 29 जून (भाषा)कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि यदि निर्वाचन आयोग बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के बारे में विपक्षी दलों की आपत्तियों को स्वीकार नहीं करता तो ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (‘इंडिया’ गठबंधन) के सभी घटक दल इसके खिलाफ न्यायपालिका का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

सिंह ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)सरकार पर राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले एसआईआर के माध्यम से गरीब और हाशिए पर पड़े मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ निर्वाचन आयोग का एसआईआर अभियान आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में गरीब, आदिवासी, युवा, बाढ़ प्रभावित और प्रवासी मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। यदि निर्वाचन आयोग इस अभियान के बारे में विपक्ष की आपत्तियों को स्वीकार नहीं करता है, तो ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी घटक बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर के खिलाफ न्यायपालिका का दरवाजा खटखटा सकते हैं।’’

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने शनिवार को यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद जी से मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे पर हमारी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात करने का अनुरोध किया।’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा 25 दिनों के भीतर लगभग आठ करोड़ मतदाताओं का घर-घर जाकर सत्यापन करना संभव है?

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि यह अभियान बड़ी संख्या में बिहार के लोगों, विशेषकर गरीबों, किसानों, मजदूरों, सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े और उत्पीड़ित वर्गों को वोट देने के लिए अयोग्य बनाकर उनके मताधिकार को छीनने का एक प्रयास है। यह बिहार के बहुसंख्यक मतदाताओं के साथ सरासर अन्याय होगा। इसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि एसआईआर अभियान राज्य चुनावों से कुछ महीने पहले ही शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ निर्वाचन आयोग को यह अभियान शुरू करने से पहले सभी राजनीतिक दलों की राय लेनी चाहिए थी।’’

राज्य की राजग सरकार की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘बिहार में शिक्षा की स्थिति बहुत दयनीय है। राजग सरकार ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है… राज्य में बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की दर देश में सबसे खराब है। राज्य में बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल बिना बिजली, शिक्षकों, कंप्यूटर या पुस्तकालयों के चल रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में करीब 2,637 सरकारी विद्यालय केवल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं, जबकि इन विद्यालयों में 2.91 लाख विद्यार्थी नामांकित हैं और 117 विद्यालयों में कोई विद्यार्थी नहीं है, फिर भी वहां 544 शिक्षक तैनात हैं।

सिंह ने दावा किया, ‘‘बिहार में प्रति लाख जनसंख्या पर उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या देश में सबसे कम है। संबंधित अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, यहां मात्र 37 विश्वविद्यालय, 1,092 महाविद्यालय और 315 स्वतंत्र संस्थान हैं, इस प्रकार कुल 1,387 संस्थान हैं। इसका अभिप्राय है कि राज्य में प्रति लाख जनसंख्या पर केवल सात कॉलेज हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 है – जो भारत में सबसे कम है।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राजग शासन में बिहार में भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटालों का एक बड़ा गिरोह चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सात सालों में राज्य में 10 से ज्यादा बड़ी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हुए हैं, जिनमें राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) प्रश्नपत्र लीक मामला और बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती घोटाला शामिल है।’’

भाषा धीरज नरेश

नरेश

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