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Monday, June 30, 2025

जम्मू कश्मीर में सीमावर्ती बंकरों के लिए आवंटित केंद्रीय निधि के आधे हिस्से का उपयोग नहीं हुआ

Newsजम्मू कश्मीर में सीमावर्ती बंकरों के लिए आवंटित केंद्रीय निधि के आधे हिस्से का उपयोग नहीं हुआ

जम्मू, 29 जून (भाषा) जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पिछले पांच वर्षों में सीमावर्ती निवासियों के लिए भूमिगत बंकरों के निर्माण के लिए आवंटित केंद्रीय धनराशि का लगभग आधा हिस्सा उपयोग नहीं किया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से यह पता चला है।

यह खुलासा पिछले महीने के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीमा पार से हुई भीषण गोलाबारी के बाद नागरिक सुरक्षा को लेकर बढ़ती मांगों के बीच हुआ है।

जम्मू के कार्यकर्ता रमन कुमार द्वारा दायर सूचना के अधिकार आवेदन का जवाब देते हुए, जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने कहा कि 2020-21 और 2024-25 के बीच उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाले केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को 242.77 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। हालांकि, 46.58 प्रतिशत धनराशि खर्च नहीं की गई।

इसमें कहा गया है कि राजौरी जिले में सबसे अधिक 78.05 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग किया गया, जिसके बाद पुंछ (44.56 करोड़ रुपये), सांबा (42.09 करोड़ रुपये), कठुआ (37.20 करोड़ रुपये), जम्मू (17.51 ​​करोड़ रुपये), कुपवाड़ा (14.85 करोड़ रुपये), बांदीपोरा (4.33 करोड़ रुपये) और बारामूला (4.15 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।

भारत, पाकिस्तान के साथ 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें से 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और 744 किलोमीटर नियंत्रण रेखा (एलओसी) जम्मू कश्मीर में पड़ती है।

गृह विभाग का जवाब यहां ‘पीटीआई भाषा’ के साथ साझा करते हुए कुमार ने सीमा पर अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण वर्षों के दौरान धन का उपयोग न किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘2020-21 और 2024-25 के बीच केवल 53.42 प्रतिशत धनराशि का उपयोग किया गया।’

गृह विभाग ने कहा, ‘भारत सरकार द्वारा वित्त विभाग जम्मू कश्मीर के माध्यम से जम्मू कश्मीर को वित्तीय वर्ष 2020-21 से अब तक जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में नागरिकों के लिए बंकरों के निर्माण के लिए कुल 24,277.85 लाख रुपये (242.778 करोड़ रुपये) की धनराशि दी गई है।’

हालांकि, जवाब में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने नागरिकों के लिए बंकरों के निर्माण पर केवल 12,967.869 लाख रुपये (129.678 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं।

भाषा

शुभम नरेश

नरेश

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