बेंगलुरु, 29 जून (भाषा) कर्नाटक में ‘बाइक टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन’ के सदस्यों ने रविवार को भूख हड़ताल की और बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध हटाने व समावेशी नीति ढांचे की मांग की।
उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को एक खुला पत्र भी लिखा।
एसोसिएशन के अनुसार, बेंगलुरु, मैसूरु, मांड्या, दावणगेरे और रामनगर में विरोध प्रदर्शन किये गये, जिसमें कई बाइक टैक्सी चालकों ने हिस्सा लिया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत प्रासंगिक दिशा-निर्देशों को अधिसूचित किए जाने तक बाइक टैक्सी सेवा को निलंबित करने के पूर्व के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद 16 जून को कर्नाटक में ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सेवाओं को निलंबित कर दिया गया।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा, ‘‘ मान्यवर, हम कर्नाटक की सेवा करने के लिए बारिश व धूप में गाड़ियां चलाते हैं और यह पत्र गुस्से से नहीं बल्कि हताशा से लिख रहे हैं। ’’
एसोसिएशन ने कहा कि कई बाइक चालक बिना काम या विकल्प के रह गए हैं, जिससे उन्हें अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
पत्र में कहा गया कि कुछ सदस्यों को अपने परिवारों का पेट पालने के लिए सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
एसोसिएशन ने कहा, “अगर हमारी आवाज नहीं सुनी जाती है तो हम अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। यह विरोध के कारण नहीं है, बल्कि नितांत असहाय स्थिति के कारण है। उम्मीद है कि बहुत देर होने से पहले कोई हमारी बात सुनेगा।”
एसोसिएशन ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत बाइक चालक कन्नड़ भाषी हैं।
भाषा जितेंद्र धीरज
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