गुवाहाटी, 29 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर में पहली बार राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने की सुविधा अक्टूबर तक पूर्वी असम में उपलब्ध होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से राष्ट्रीय सुरक्षा और आपदा तैयारियों को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी (निचले) और मध्य असम में राष्ट्रीय राजमार्गों पर दो ऐसी पट्टियां भी विकसित की जाएंगी, जिनका इस्तेमाल सुखोई और राफेल जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों के साथ-साथ यात्री विमानों को उतरने के लिए किया जा सकता है।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के समन्वय से डिब्रूगढ़-मोरान राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत निर्मित किए जा रहे मोरान बाईपास पर भावी सुविधा का दौरा करने के बाद शार्मा ने कहा, ‘‘यह पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में आपातकालीन स्थित में विमान उतारने की पहली सुविधा होगी।’’
उन्होंने कहा कि इसे मोरान और डेमो के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग की चार किमी लंबी पट्टी पर विमान उतारने की सुविधा विकसित की जा रही है।
शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने आज यहां जिला प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) और भारतीय वायुसेना के साथ बैठक की और जो छोटे-मोटे मुद्दे थे उन्हें सुलझा लिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि यात्री विमानों से लेकर सुखोई और राफेल जैसे उन्नत लड़ाकू विमान भी इस पट्टी पर उतर सकेंगे।
शर्मा ने कहा, ‘‘इस पट्टी के उद्घाटन के दौरान मैंने भारतीय वायुसेना से एक ‘एयर शो’ आयोजित करने और कुछ लड़ाकू विमानों को भी लाने का अनुरोध किया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राज्य में आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने से जुड़ी ऐसी दो और सुविधाएं विकसित की जाएंगी जिनमें से एक निचले (पश्चिमी) हिस्से में तिहू और बारामा के बीच स्थित होगी और दूसरी मध्य भाग में नागांव और लामडिंग (शंकरदेव नगर) के बीच होगी।
शर्मा ने कहा कि बाढ़ के दौरान उपयोग के लिए पूर्वी या ऊपरी असम में राष्ट्रीय राजमार्ग पर विशिष्ट अंतरालों पर हेलीपैड तैयार करने के लिए एनएचआईडीसीएल के साथ एक अन्य प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
भाषा संतोष धीरज
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