उत्तरकाशी/देहरादून, 29 जून (भाषा) लगातार बारिश के बीच उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार तड़के बड़कोट क्षेत्र के सिलाई बैंड के पास बादल फटने से दो मजदूरों की मृत्यु हो गयी तथा सात अन्य लापता हो गए।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए प्रदेश के अधिकांश जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके मद्देनजर राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को फिलहाल एक दिन के लिए स्थगित कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर हो रही बारिश की स्थिति का जायजा लिया तथा अधिकारियों को मानसून के दौरान दो माह तक 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि तड़के करीब तीन बजे पालीगाड से चार किलोमीटर आगे हुई घटना में दो मजदूरों के शव बरामद हो गए हैं जबकि सात अन्य लापता मजदूरों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पानी और मलबे के साथ बह गए सात अन्य लापता मजदूरों को ढूंढने के लिए पुलिस, प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित अन्य एजेंसियों की संयुक्त टीमें राहत एवं बचाव कार्य चला रही हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि सिलाईबैंड के पास एक होटल के निर्माण कार्य में लगे 29 मजदूर वहीं रहते थे जिनमें से 20 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि होटल के पास यह एक नया भूस्खलन क्षेत्र विकसित हुआ है ।
बादल फटने से सिलाईबैंड के अलावा यमुनोत्री राजमार्ग दो से तीन अन्य जगहों पर भी बंद है जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम खोलने के प्रयास में जुटी है। वहीं, ओजरी के पास सड़क संपर्क टूट गया है।
उत्तरकाशी जिला आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि लगातार बारिश के कारण यमुना नदी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है जबकि स्यानाचट्टी में भी कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में आ गया है।
कुथनौर में भी अतिवृष्टि तथा बादल फटने के कारण स्थानीय ग्रामीणों की कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने की सूचना है और खेतों में मलबा भर गया है। हालांकि, कुथनौर मे किसी जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है।
आर्य ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में आए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है और उनके लिए पेयजल सहित अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है।
बचाव कार्यों में लगे पुलिस उपनिरीक्षक विक्रम सिंह ने कहा कि दो मजदूरों के शव घटनास्थल से 18 किलोमीटर दूर यमुना नदी के तट पर तिलाड़ी शहीद स्मारक के पास मिले।
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले दूजेलाल (55) तथा नेपाल के केवल विष्ट (43) के रूप में हुई है ।
लापता मजदूरों में नेपाल के रहने वाले रोशन चौधरी (37), अनवीर धामी (40), कल्लूराम चौधरी (60), देहरादून निवासी जयचंद उर्फ बॉबी (38), छोटू (22), प्रियांश (20) तथा सरकटेल धामी (32) शामिल हैं।
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के 13 में से नौ जिलों—चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी और उधमसिंह नगर के कुछ स्थानों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लगातार वर्षा और उसके कारण प्राकृतिक आपदाओं की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने रविवार को चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि मौसम की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि आगे की यात्रा को लेकर निर्णय सोमवार को मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा।
पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश की वजह से कई जगह मार्ग भूस्खलन के कारण अवरूद्ध हैं जिस कारण गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारानाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करने तथा इस दौरान सतर्क रहने की अपील की गयी है।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यात्रियों को सलाह दी गयी है कि बहुत जरूरी न होने पर बारिश के दौरान यात्रा न करें और सुरक्षित स्थान पर रूक कर बारिश के बंद होने की प्रतीक्षा करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही बारिश की स्थिति की जानकारी लेने के लिए स्वयं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और मानसून के दौरान अधिकारियों को दो माह तक 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने को कहा ।
उन्होंने उन्हें इस अवधि में नियमित रूप से धरातल पर पहुंचकर सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए ।
मुख्यमंत्री ने चारधाम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से संबंधित जिलाधिकारियों को सभी आवश्यक प्रबंध करने को कहा।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को नदियों और गदेरे तथा आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने को कहा ।
बारिश के कारण गंगा और यमुना सहित प्रदेश की लगभग सभी नदियां उफान पर हैं जिसके मद्देनजर ऋषिकेश, हरिद्वार सहित अनेक स्थानों पर लोगों को नदियों से दूर रहने के लिए कहा गया है ।
भाषा सं दीप्ति नोमान
नोमान