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Monday, June 30, 2025

मोर्चा की जरूरत न पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिये प्रयास जारी : अजित पवार ने हिंदी भाषा विवाद पर कहा

Newsमोर्चा की जरूरत न पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिये प्रयास जारी : अजित पवार ने हिंदी भाषा विवाद पर कहा

मुंबई, 29 जून (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि ‘त्रि-भाषा’ नीति के खिलाफ पांच जुलाई को ‘मोर्चा’ आयोजित करने की जरूरत न पड़े, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी भाषा को ‘‘थोपने’’ के खिलाफ विपक्ष के विरोध के बीच अजित पवार का यह आश्वासन आया है।

शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हिंदी ‘‘थोपे जाने’’ के खिलाफ मुंबई में एक ‘मोर्चा’ आयोजित करने की घोषणा की है।

सरकार ने 17 जून को एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को हिंदी ‘‘सामान्य रूप से’’ तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि हिंदी भाषा छात्रों के लिए अनिवार्य नहीं है और भाषा को ‘‘थोपे जाने’’ के विपक्ष के आरोप को खारिज कर दिया।

अजित पवार ने पत्रकारों को विस्तार से बताए बिना कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि मोर्चा निकालने की आवश्यकता न पड़े।’’

राकांपा प्रमुख ने पहली कक्षा के बजाय पांचवीं कक्षा से हिंदी भाषा पढ़ाने की बात दोहराई।

उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिक स्कूल के छात्रों के लिए मराठी और अंग्रेजी भाषा (सीखना) अनिवार्य किया जाना चाहिए। जो लोग मराठी पढ़ना और लिखना जानते हैं, वे तेजी से हिंदी सीख सकते हैं।’’

अजित पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार में कोई तो है, जो इसका विरोध करने की हिम्मत दिखा रहा है, और हर कोई ‘‘गुलाम नहीं बन गया है।’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘उन्हें (सरकार को) मोर्चा निकालने की जरूरत समझ में नहीं आई। मराठी के साथ अन्याय हो रहा है। अजित पवार को भी यह बताना चाहिए कि बिना उचित अध्ययन किए यह फैसला क्यों थोपा गया।’’

भाषा

शफीक दिलीप

दिलीप

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