पुणे, 29 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नितेश राणे ने रविवार को कहा कि यदि विचारों में परिवर्तन के लिए भगवद्गीता की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार मोहल्लों में किया जाए, तो हिंदू राष्ट्र का विचार मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि भगवद्गीता कभी भी नफरत का उपदेश नहीं देती या धर्मांतरण की वकालत नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘अगर इसकी शिक्षाएं मोहल्लों (मुस्लिम क्षेत्रों) तक फैलती हैं, तो उनके भी विचार बदल जाएंगे। इससे हमारा हिंदू राष्ट्र मजबूत होगा।’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘भगवद्गीता की शिक्षाएं सद्भाव और विचारों के परिवर्तन को बढ़ावा देती हैं। इसका संदेश हर कोने तक पहुंचना चाहिए।’
पहली कक्षा से स्कूली पाठ्यक्रम में हिंदी को शामिल करने को लेकर विवाद और विपक्ष के प्रदर्शनों के बीच राणे ने कहा, ‘किसी भी भाषा को अनिवार्य नहीं बनाया जा रहा है। छात्र चाहें, तो तीसरी भाषा के रूप में संस्कृत चुन सकते हैं।’
भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने गीतकार जावेद अख्तर, अभिनेता आमिर खान या कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कभी मराठी में बोलते नहीं सुना।
शिवसेना (उबाठा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने स्कूलों में हिंदी ‘थोपने’ के खिलाफ पांच जुलाई को एक संयुक्त मार्च आयोजित करने की घोषणा की है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बेहरामपाड़ा या मोहम्मद अली रोड जैसे इलाकों में रैलियां क्यों नहीं आयोजित की जा रहीं? ये वे स्थान हैं, जहां हिंदी बोली जाती है। जिस दिन मराठी में अज़ान दी जाएगी, हमें पता चल जाएगा कि भाषा के प्रति सच्चा सम्मान है।’
राणे ने यह भी कहा कि हिंदुओं के बीच विभाजन को बढ़ाने के बजाय, उन लोगों को मराठी सिखाने का प्रयास किया जाना चाहिए, जो दशकों से मुंबई में रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस भाषा को नहीं अपनाया है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा पांचवीं कक्षा से हिंदी शुरू करने की वकालत के बारे में पूछे जाने पर राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री अजित पवार से बात करेंगे।
भाषा आशीष दिलीप
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