बहराइच (उप्र), 29 जून (भाषा) नेपाल के सीमावर्ती बहराइच जिले के रूपईडीहा क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अधिकारियों ने प्रतिबंधित फ्रीक्वेंसी वाले पांच वॉकी-टॉकी बरामद कर सात व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया है।
पुलिस ने एसएसबी के एक अधिकारी की तहरीर पर दूरसंचार अधिनियम, भारतीय तार अधिनियम व भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये संदिग्ध महाराष्ट्र के पुणे, ठाणे तथा उत्तर प्रदेश के बहराइच, बिजनौर और कुशीनगर के निवासी हैं।
एसएसबी के अनुसार, पकड़े गये सभी लोग नेपाल स्थित इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल के पदाधिकारी से मिलकर लौटे हैं। यह संगठन पाकिस्तानी एजेंसियों से वित्तपोषित होता है।
एसएसबी की 42वीं वाहिनी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विगत 27 जून की शाम रूपईडीहा सीमा पर एसएसबी के निरीक्षण के दौरान नेपाल की ओर से भारत में प्रवेश कर रहे कार सवार सात लोगों को रोका गया और तलाशी के दौरान उनके कब्जे से प्रतिबंधित ‘हॉपिंग फ्रीक्वेंसी’ युक्त पांच इलेक्ट्रानिक वॉकी टॉकी सेट बरामद हुए।
उन्होंने बताया कि ‘हॉपिंग फ्रीक्वेंसी इनेबल्ड’ सेट को भारत में लाइसेंस के बगैर इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है और इस तकनीक में बातचीत के दौरान फ्रीक्वेंसी लगातार बदलती रहती है, जिससे उसे पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।
उदावत ने बताया कि संदिग्धों के पास से वॉकी टॉकी मिलने के बाद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उनसे पूछताछ की गयी।
अधिकारी ने बताया कि वे प्रतिबंधित ‘हॉपिंग फ्रीक्वेंसी इनेबल्ड’ वॉकी टॉकी को नेपाल ले जाने का स्पष्ट कारण नहीं बता सके और पूछताछ के दौरान मालूम हुआ कि पकड़े गये लोगों में से एक पुणे निवासी मोहम्मद मुस्लिम वर्षों पूर्व बहराइच के मटेरा इलाके में रहता था तथा वह 15-20 साल पहले कैटरिंग का व्यवसाय करने महाराष्ट्र के पुणे शहर में जाकर बस गया था।
उन्होंने बताया कि मोहम्मद मुस्लिम 24 जून को अपनी बेटी की शादी में बहराइच आया था तथा वह 26 जून को अपने साथियों बिलाल अब्दुल रहमान शेख और मुनीर यूसुफ शेख (पुणे- महाराष्ट्र), तेमेश्वर भोंदवे (ठाणे- महाराष्ट्र), अचलेश कुमार (बिजनौर- उत्तर प्रदेश), शंकर पाण्डेय (कुशीनगर- उत्तर प्रदेश) और छांगुर अहमद (बहराइच- उत्तर प्रदेश) को लेकर पड़ोसी देश नेपाल गया था।
अधिकारी ने बताया कि नेपाल में वे लोग नसीम शेख नामक व्यक्ति से मिले और सभी एक रात उसके घर पर रहे। उनके मुताबिक, नसीम शेख इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल नामक एक ऐसे संगठन से जुड़ा है जिसे पाकिस्तानी एजेंसियों से वित्तपोषण मिलता है।
उदावत ने कहा कि इस सबके मद्देनजर इस घटनाक्रम को एक संदिग्ध सुरक्षा खतरा माना जा रहा है। पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
भाषा सं सलीम नोमान
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