मथुरा (उप्र), 29 जून (भाषा) मथुरा जिले के गोवर्धन में ‘मुड़िया पूनों’ मेले का आयोजन चार से 11 जुलाई तक किया जाएगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि गौड़ीय संप्रदाय के प्रवर्तक चैतन्य महाप्रभु के शिष्य सनातन गोस्वामी के तिरोभाव (निधन) दिवस पर आयोजित होने वाले इस मेले में इस बार लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। जिला प्रशासन ने मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
उनके मुताबिक, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे मेला परिसर को नौ सुपर जोन, 21 जोन और 62 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। इन क्षेत्रों में चार हजार से अधिक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है।
जानकारों के मुताबिक, आषाढ़ पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव के कारण व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि, ब्रज में यह दिन ‘मुड़िया पूर्णिमा’ या ‘मुड़िया पूनों’ मेले के नाम से जाना जाता है।
जिलाधिकारी (डीएम) चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि मेले की व्यवस्था के लिए अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को मेलाधिकारी नियुक्त किया गया है, और जोन तथा सेक्टरों में उप जिलाधिकारी एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य के कई जनपदों से कुल 1100 सरकारी बसें चलाई जाएंगी। उनके अनुसार, चिकित्सा सुविधाओं के लिए एक स्थाई अस्पताल के साथ-साथ कई अस्थाई अस्पताल और मेडिकल पोस्ट भी बनाए गए हैं। मार्गों की व्यवस्था, साफ-सफाई, बिजली, पेयजल और सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिनमें पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती, वाच टॉवर, बैरियर, पार्किंग स्थल और खोया-पाया केंद्र शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि मेले के दौरान गोवर्धन और उसकी ओर जाने वाले सभी मार्ग ‘नो-व्हीकल जोन’ रहेंगे, और बिना अनुमति कोई भी वाहन प्रवेश नहीं कर पाएगा।
कुमार के मुताबिक, सरकारी बसें भी वन-वे रूट के हिसाब से ही संचालित होंगी।
उन्होंने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को नोडल अधिकारी नामित किया गया है, और मेला क्षेत्र की व्यवस्था के लिए वरिष्ठ अधिकारियों सहित लगभग चार हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
भाषा सं आनन्द नोमान
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