(फाइल फोटो के साथ)
शिमला, 29 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने रविवार को कहा कि बौद्ध मठों और पुराने मठों के जिर्णोद्धार के लिए बौद्ध विकास योजना पर काम चल रहा है।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की अपनी चार दिवसीय यात्रा के समापन पर रीजीजू ने लाहौल और स्पीति के केलांग में आयोजित एक जनसभा में कहा कि विकास योजना के तहत बौद्ध मठों और मठों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की जाएगी।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने लाहौल, स्पीति और किन्नौर के आदिवासी जिलों में दो दिन बिताए और कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि इन पहलों के परिणामस्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा लाहौल और स्पीति के लिए सबसे अधिक वित्तीय आवंटन किया गया है।
जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अटल सुरंग के निर्माण से लाहौल के लोगों की समस्याएं कम हुई हैं और केंद्र सरकार का ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम’, जो कि सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए है, सीमावर्ती गांवों में सड़क, पानी, बिजली और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बयान में कहा गया है कि केलांग के लिए 26 करोड़ रुपये की सीवरेज योजना से न केवल लोगों को लाभ होगा, बल्कि क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने 110 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें एक उच्च ऊंचाई प्रशिक्षण केंद्र, एक इनडोर स्टेडियम, एक क्रिकेट स्टेडियम और एक ‘आइस स्केटिंग रिंक’ शामिल हैं। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर भी रीजीजू के साथ मौजूद थे।
भाषा
संतोष नरेश
नरेश