मुंबई, 29 जून (भाषा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को राज्य के स्कूलों में तीन-भाषा नीति के कार्यान्वयन पर शासकीय आदेश को वापस लेने का श्रेय मराठी मानुष की एकता को दिया, जो पांच जुलाई के विरोध कार्यक्रम में परिलक्षित होती।
राज ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि हिंदी को अनिवार्य बनाने के लिए राज्य सरकार पर किसने दबाव डाला, यह रहस्य बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि मनसे अप्रैल 2025 से इस मुद्दे को उठा रही थी, जिसके बाद अन्य राजनीतिक दलों और संगठनों ने इसका हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर (5 जुलाई को) मोर्चा होता, तो इससे संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन की यादें ताजा हो जातीं। सरकार को इसका डर होना चाहिए। यह डर होना चाहिए।’’
महाराष्ट्र के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक हिंदी भाषा को शामिल करने के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच, देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल ने रविवार को त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन पर दो शासकीय आदेश वापस लेने का फैसला किया।
भाषा रंजन नरेश
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