पटना, 29 जून (भाषा) कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आपत्ति पर अपनी चुप्पी तोड़ने की चुनौती दी।
हुसैन ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि कांग्रेस, भाजपा-आरएसएस की ‘साजिश’ को कभी सफल नहीं होने देगी।
कुछ दिनों पहले आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा का सुझाव देकर फिर से बहस को जन्म दे दिया।
हुसैन ने कहा, ‘‘यह सर्वविदित तथ्य है कि भाजपा-आरएसएस संविधान के खिलाफ हैं। यह बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के संविधान को नष्ट करने की साजिश है, जिसे आरएसएस-भाजपा लंबे समय से रच रहे हैं। कांग्रेस भाजपा-आरएसएस की साजिश को कभी सफल नहीं होने देगी।’’
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘समाजवादी पृष्ठभूमि से आने वाले जदयू सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्हें इसका विरोध करना चाहिए या फिर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर देना चाहिए।’’
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का सहयोगी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि होसबाले की टिप्पणी संविधान को खत्म करने का भाजपा द्वारा एक संगठित प्रयास है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा नफरत फैला रही है और सामाजिक विभाजन पैदा कर रही है। पार्टी विकास और राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती। वे (भाजपा-आरएसएस) लोगों का ध्रुवीकरण करने और नफरत फैलाने के लिए लगातार एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं।’’
यहां गांधी मैदान में आयोजित वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले हुसैन ने कहा, ‘‘लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, उन्होंने अपना संदेश भेजा।’’
भाषा राजकुमार नरेश
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