कोलकाता, 29 जून (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता मीनाक्षी मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कालीगंज में एक विरोध सभा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्द का इस्तेमाल किया जिसके कारण विवाद खड़ा हो गया है।
विधानसभा उपचुनाव के नतीजों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की जीत के जश्न को लेकर निकाली गई रैली में कथित तौर पर बम फेंके जाने के बाद कालीगंज के मोलंडी गांव की 13 वर्षीय तमन्ना खातून की मौत के विरोध में शनिवार को यह बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में मुखर्जी ने घोष को कथित तौर पर ‘भ्रष्ट और अनैतिक राजनीतिक व्यक्तित्व’ करार दिया।
मुखर्जी ने कहा, ‘‘ऐसे लोग अब अलग-अलग मुद्दों पर टीएमसी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो पार्टी के दिवालियेपन को दर्शाता है।’’
उन्होंने कथित तौर पर अपने भाषण में टीएमसी नेता के खिलाफ कुछ अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया। विरोध सभा में मुखर्जी के संबोधन का वीडियो रविवार को वायरल होने के बाद टीएमसी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख देबांग्शु भट्टाचार्य ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर वीडियो साझा करते हुए मुखर्जी पर जमकर निशाना साधा।
‘पीटीआई-भाषा’ ने स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘क्या हमें ऐसे असभ्य व्यक्तिगत हमलों का उसी भाषा में जवाब देना शुरू कर देना चाहिए?’’
हालांकि, पूछे जाने पर घोष ने कहा कि मुखर्जी उम्र और राजनीतिक अनुभव में उनसे बहुत छोटी हैं और उन्हें उनका मुकाबला करने के लिए इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह उत्साह में कुछ कहती हैं, अगर वह हद से आगे बढ़ जाती हैं, तो यह उन पर निर्भर है। मुझे प्रतिक्रिया क्यों देनी चाहिए? यह उनकी पार्टी के दिवालियेपन और हताशा को दर्शाता है जो पिछले चुनावों में ममता बनर्जी को बार-बार मिलने वाली शानदार जीत को पचा नहीं पा रही है।’’
भाषा संतोष नरेश
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