(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 29 जून (भाषा)भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने शहर के एक सरकारी विधि कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा से कथित सामूहिक बलात्कार के विरोध में रविवार को एक रैली का नेतृत्व किया और पश्चिम बंगाल में हर बेटी की सुरक्षा की मांग की।
कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और नागरिक संस्था के सदस्यों द्वारा भी शहर और इसके बाहरी इलाकों में इसी तरह की रैलियां निकाली गईं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने ‘‘हमारी बेटियों’’ की सुरक्षा की मांग करते हुए एक किलोमीटर से कुछ कम दूरी तक पैदल मार्च किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर नहीं किया जाता, बंगाल में महिलाओं के खिलाफ ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। मुख्यमंत्री ने अतीत में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित महिलाओं के चरित्र पर संदेह जताया था।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने कस्बा पुलिस थाने तक रैली निकालने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कस्बा पुलिस थाने तक मार्च निकालने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय से अनुमति मांगेंगे।’’
अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि दो जुलाई को कस्बा पुलिस थाने तक रैली निकाली जाएगी जिसमें कार्यस्थलों, शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक स्थानों और घरों में महिलाओं की सुरक्षा की मांग की जाएगी।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में लोग पार्क स्ट्रीट-जेएल नेहरू क्रॉसिंग से कस्बा पुलिस थाने की ओर मार्च करेंगे। विधि कॉलेज की छात्रा पर हुए बर्बर अत्याचार के विरोध में इस मार्च का आह्वान किया गया है। लेकिन यह कोई अकेली घटना नहीं है। हम पिछले कुछ सालों से महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं – फिर चाहे आर जी कर, हंसखली, कालियागंज, कामदुनी, पार्क स्ट्रीट हो। इन सभी घटनाओं में अपराधियों को बिना किसी सज़ा के छोड़ दिया गया और क्रूरता कभी नहीं रुकी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम चुप नहीं बैठेंगे। जब तक ममता बनर्जी सरकार, जो अपराधियों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को संरक्षण दे रही है, को सत्ता से बाहर नहीं कर दिया जाता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।’’
अधिकारी ने कहा कि भाजपा महिलाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर नौ अगस्त को ‘नबान्न अभियान’ (राज्य सचिवालय तक मार्च) करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘नौ अगस्त ऐतिहासिक ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का दिन है। मैं बलात्कार-हत्या की शिकार हुई आर जी कर महिला चिकित्सक के माता-पिता से भी मार्च में शामिल होने का अनुरोध करूंगा। आइए हम 2026 में ममता बनर्जी सरकार को नबन्ना छोड़ने के लिए मजबूर करने का आह्वान करें।’’
कांग्रेस ने रविवार को शहर के खिदरपुर इलाके में और भाजपा की युवा शाखा के सदस्यों ने हाटीबागान इलाके में रैली निकाली और बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का आरोप लगाया तथा हर महिला की सुरक्षा की मांग की।
माकपा की छात्र एवं युवा शाखा एसएफआई और डीवाईएफआई ने भी इसी मुद्दे पर उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में रैली निकाली।
आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने वाले मंच अभय मंच से जुड़े नागरिक समाज के सदस्यों ने कस्बा पुलिस थाने के समक्ष प्रदर्शन किया।
सामाजिक कार्यकर्ता रिमझिम सिन्हा और लेखिका-कार्यकर्ता शताब्दी दास ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया।
दास ने कहा, ‘‘रविवार शाम को अभय मंच ने गरियाहाट से हाजरा मोड़ तक रैली निकालकर अपनी बेटियों और बहनों की सुरक्षा की मांग की। हम यातायात की आवाजाही में बाधा नहीं डाल रहे हैं, लेकिन जब तक ऐसे दरिंदों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शन की जरूरत है।’’
रैली में बंगाली फिल्म उद्योग की कई वामपंथी हस्तियां जैसे श्रीलेखा मित्रा और बादशाह मोइत्रा भी शामिल थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें लेक मॉल के सामने रोक दिया, क्योंकि रैली को आगे जाने की अनुमति नहीं थी।
जुलूस में शामिल लोगों की वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से बहस भी हुई। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी जिसके बाद वे लेक मॉल के सामने ही बैठक कर धरना देने लगे और सड़क पर भित्तिचित्र बनाई।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि महिलाओं पर इस तरह की बर्बरता करने वालों को नहीं बख्शा जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में पहले ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
राज्य मंत्री और तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘भाजपा इस घटना का राजनीतिकरण कर रही है। वे ओडिशा, कई अन्य भाजपा शासित राज्यों और मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं पर चुप क्यों हैं?’’
साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ 25 जून को दो वरिष्ठ छात्रों और एक पूर्व छात्र द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किया गया।
भाषा धीरज संतोष
संतोष