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Monday, June 30, 2025

“मणिपुर: कांग्रेस सांसद अकोइजाम को गांव दौरे से रोका, बफर जोन पर उठाए सवाल”

Fast News“मणिपुर: कांग्रेस सांसद अकोइजाम को गांव दौरे से रोका, बफर जोन पर उठाए सवाल”

इंफाल, 30 जून (भाषा) आंतरिक मणिपुर के सांसद अकोइजाम बिमोल अंगोमचा को केंद्रीय बलों ने इंफाल घाटी के बाहरी इलाके में स्थित एक गांव का दौरा करने से रोक दिया, जिसके बाद उन्होंने राज्य पर सांप्रदायिक ताकतों के समर्थन में एक काल्पनिक और असंवैधानिक रेखा, तथाकथित ‘बफर जोन’ सीमा बनाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस सांसद अकोइजाम बिमोल अंगोमचा ने कहा कि वह रविवार को फोगाकचौ इखाई का दौरा करना चाहते थे, जो मेइती बहुल बिष्णुपुर जिले और कुकी बहुल चुराचांदपुर की सीमा पर स्थित एक बाहरी इलाका है और यह उनके निर्वाचन क्षेत्र में आता है।

सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर देर रात लिखे एक पोस्ट में कहा, ‘लोकसभा के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में मुझे बिष्णुपुर जिले के फोगाकचौ-इखाई माखा लेईकाई कीथेल (बाजार) जाने से रोक दिया गया, जो मेरे संसदीय क्षेत्र (आंतरिक मणिपुर) में आता है, जबकि उस स्थान की सुरक्षा में भारतीय सेना सहित भारी सुरक्षा बल तैनात हैं।’

उन्होंने कहा, ‘हैरानी की बात है कि अन्य समुदायों के आम नागरिकों (जैसे पंगल समुदाय) को मेरी आंखों के सामने उसी जगह से गुजरने दिया गया, लेकिन मुझे, एक सांसद को रोक दिया गया।’

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘यह दिखाता है कि राज्य में कैसे गुपचुप तरीक़ों से मणिपुर को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का काम किया जा रहा है। एक काल्पनिक और असंवैधानिक रेखा जिसे ‘बफर ज़ोन’ कहा जा रहा है, खींचकर और लागू करके राज्य में सांप्रदायिक ताक़तों को समर्थन दिया जा रहा है।’

अकोइजाम ने कहा कि ईमानदार और दृढ़ प्रयासों से समस्या का समाधान होगा, न कि झूठ और सनकी दृष्टिकोण से। उन्होंने कहा कि सत्य, न्याय और शांति की जीत होनी चाहिए।

फोगाकचौ-इखाई मणिपुर के उन इलाकों में से एक है जहां तीन मई 2023 को जातीय हिंसा फैलने का सर्वाधिक असर हुआ था। अब फोगाकचौ-इखाई में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं।

चुराचांदपुर जिले से आई हिंसक भीड़ ने फोगाकचौ-इखाई के समीतवर्ती तोरबुंग में तीन मई 2023 को कई मकानों में आग लगा दी थी जिसके बाद फोगाकचौ-इखाई के निवासी अन्यत्र चले गए थे।

राज्य में मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसा बढ़ती गई और 260 से अधिक लोगों की जान चली गई। हजारों की संख्या में लोग हिंसा की वजह से बेघर हो गए।

भाषा योगेश मनीषा

मनीषा

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