नलबाड़ी, 30 जून (भाषा) असम सरकार ने नलबाड़ी जिले में 82 बीघा ग्राम चरागाह आरक्षित (वीजीआर) भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए सोमवार को बेदखली अभियान शुरू किया।
बरखेत्री राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत बाकरीकुची गांव में सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच यह अभियान शुरू किया गया।
जिला आयुक्त निबेदान दास पटवारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अब तक किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है।
क्षेत्रीय कार्यालय ने तीन जून को एक नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को वीजीआर भूमि खाली करने के लिए कहा था, लेकिन वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय चले गये थे। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि राज्य भर में वीजीआर की सभी भूमि को खाली कराया जाए।
गांवों में पशुओं को चराने के उद्देश्य से आरक्षित की गई भूमि को वीजीआर कहा जाता है।
पटवारी ने कहा, ‘‘अतिक्रमित भूमि पर रहने वाले लोगों ने जिला प्रशासन के साथ सहयोग किया और उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोग अपना सामान लेकर वहां से चले गए।’’
उन्होंने कहा कि लगभग 300 परिवार वीजीआर भूमि पर बस गये थे जो अब प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इलाके में करीब 500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है तथा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए और अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैयार भी रखा गया है।
मौके पर मौजूद सिंह ने कहा, ‘‘अभी तक यह अभियान शांतिपूर्ण रहा है और हमें किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा है।’’
क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि कुल 452 बीघा जमीन पर अतिक्रमण किया गया है लेकिन लोगों ने केवल 82 बीघा जमीन पर घर बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारी बाकी जमीन का इस्तेमाल मछली पालन और खेती के लिए कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस मामले के संबंध में रिपोर्ट तैयार की जा रही है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
गांव में स्कूल, मस्जिद और आंगनवाड़ी केंद्र भी हैं।
अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त करने के लिए कुल 12 बुलडोजर लगाए गए हैं।
भाषा
प्रीति राजकुमार
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