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Monday, June 30, 2025

रावदा चंद्रशेखर केरल के नए पुलिस प्रमुख नियुक्त

Newsरावदा चंद्रशेखर केरल के नए पुलिस प्रमुख नियुक्त

तिरुवनंतपुरम, 30 जून (भाषा) केरल सरकार ने सोमवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी रावदा ए. चंद्रशेखर को राज्य का नया पुलिस प्रमुख नियुक्त करने का फैसला किया।

आदेश में कहा गया है, ‘‘आईपीएस रावदा ए चंद्रशेखर, विशेष निदेशक, खुफिया ब्यूरो (केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर), को केरल पुलिस महानिदेशक सह राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया जाता है।’’

इससे पहले, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक विशेष कैबिनेट बैठक में चंद्रशेखर को शीर्ष पद पर नियुक्त करने का फैसला लिया गया। वह शेख दरवेश साहब का स्थान लेंगे, जो आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कैबिनेट ने चंद्रशेखर को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पैनल द्वारा उपलब्ध करायी गयी वरिष्ठ अधिकारियों की सूची में से चुना।

1991 बैच के आईपीएस अधिकारी चंद्रशेखर फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वह आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं।

सरकार के आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एच वेंकटेश आईपीएस चंद्रशेखर के कार्यभार संभालने तक डीजीपी के पद का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।

अपने नए कार्यकाल पर खुशी जताते हुए चंद्रशेखर ने एक टीवी चैनल से कहा कि वह जल्द ही नया पदभार संभालने के लिए राज्य आएंगे और उन्होंने उम्मीद जताई कि केरल में उनका पिछला कार्य अनुभव उनके नए कार्यकाल के लिए फायदेमंद होगा।

इस बीच, सरकार द्वारा चंद्रशेखर की नियुक्ति सत्तारूढ़ माकपा के नेताओं के एक वर्ग को रास नहीं आयी, क्योंकि वह दशकों पहले उत्तरी कन्नूर जिले के कुथुपरम्बा में पुलिस गोलीबारी में पांच डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं की मौत के आरोपी अधिकारियों में से एक थे।

केरल उच्च न्यायालय ने 2012 में चंद्रशेखर सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोप खारिज कर दिए थे।

डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा है।

नवंबर 1994 में जब गोलीबारी की घटना हुई तब चंद्रशेखर थालास्सेरी के सहायक पुलिस अधीक्षक (एसीपी) के पद पर कार्यरत थे।

कन्नूर से माकपा के वरिष्ठ नेता पी. जयराजन ने चंद्रशेखर को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने के पिनरायी विजयन सरकार के फैसले की खुलकर आलोचना नहीं की, लेकिन उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति कथित पुलिस बर्बरता के बारे में मीडिया को विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि शीर्ष पुलिस पद पर उनकी नियुक्ति का सरकार का फैसला कोई राजनीतिक निर्णय नहीं बल्कि प्रशासनिक निर्णय है।

चंद्रशेखर की नियुक्ति के बारे में प्रतिक्रिया मांगने पर विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि अधिकारियों को समय और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेना होता है।

उन्होंने एर्नाकुलम में कहा, ‘‘पुलिस ने कुथुपरम्बा में आग लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि एक मंत्री की जान को खतरा था। उन्होंने पुलिस अधिनियम के अनुसार काम किया। इसमें गलत क्या है? अगर भीड़ ने मंत्री को मार दिया होता तो क्या होता?’’

कुथुपरम्बा गोलीबारी की घटना नवंबर 1994 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री एम वी राघवन के खिलाफ डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी, जिसमें स्व-वित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों का विरोध किया गया था।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

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