नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को 2013 में उसकी पत्नी की हत्या के जुर्म में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने आरोपी सतेंद्र पाल सिंह के खिलाफ सजा की अवधि पर दलीलें सुनीं। सिंह को पांच जून को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने छह जून के अपने आदेश में कहा, ‘‘दोषी को आईपीसी की धारा 302 के तहत दंडनीय अपराध के लिए आजीवन कठोर कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई जाती है।’’
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि सिंह ने सात जून 2013 को अपनी 35 वर्षीय पत्नी विमलेश की दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
अदालत ने 87 पृष्ठों के दोषसिद्धि आदेश में सिंह की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसकी पत्नी ने मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या कर ली थी।
अदालत ने अपराध स्थल पर प्रतिरोध के संकेतों को गंभीरता से लिया। शव के पास टूटी हुई चूड़ियों के टुकड़े थे, साथ ही उस पर चोट के निशान भी संघर्ष को दर्शाते थे।
अदालत ने कहा, ‘‘मृतका की तस्वीरों से भी पता चलता है कि उसकी गर्दन पर दबाव का निशान असामान्य प्रकार का है, जो आत्महत्या के लिए फांसी लगाने का संकेत नहीं देता, बल्कि यह गला घोंटकर हत्या करने का संकेत देता है, जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताए गए मौत के कारण से भी होती है।’’
भाषा शोभना पारुल
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