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Tuesday, July 1, 2025

कस्बा कॉलेज सामूहिक बलात्कार कांड का मुख्य आरोपी आदतन अपराधी: पुलिस

Newsकस्बा कॉलेज सामूहिक बलात्कार कांड का मुख्य आरोपी आदतन अपराधी: पुलिस

कोलकाता, 30 जून (भाषा) कोलकाता पुलिस ने सोमवार को कहा कि कोलकाता विधि महाविद्यालय के सामूहिक बलात्कार मामले का मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा एक ‘हिस्ट्रीशीटर’ है तथा उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसक अपराधों के कई मामले लंबित हैं।

पुलिस ने कहा कि मिश्रा का आपराधिक गतिविधियों से नाता सिर्फ ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ तक ही सीमित नहीं है, जहां उसने 25 जून को एक छात्रा के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया। उसे पहले भी परिसर के बाहर किए गए हिंसक अपराधों के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है और उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।

‘पीटीआई-भाषा’ के पास मिश्रा और दो अन्य छात्रों पर सामूहिक बलात्कार के आरोप संबंधी नवीनतम प्राथमिकी के अलावा कम से कम सात औपचारिक शिकायतों और प्राथमिकियों की प्रतियां हैं, जो दर्शाती हैं कि इस पूर्व छात्र के खिलाफ दक्षिण कोलकाता के कई थानों में यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं। उनमें कस्बा थाने, गरियाहाट थाने, कालीघाट थाने, टॉलीगंज थाने और आनंदपुर थाने जैसे थाने हैं।

मिश्रा 2013 में तब पुलिस की नजरों से ओझल हो गया था जब उसने विधि महाविद्यालय में दाखिला लिया तथा उसपर कालीघाट थानाक्षेत्र में चेतला ब्रिज पर एक युवक को चाकू मारने का आरोप लगा। उसे संस्थान से निकाल दिया गया।

महाविद्यालय के एक पूर्व छात्र ने बताया कि तब तक वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद में शामिल हो चुका था और अपने संस्थान में उसका काफी प्रभाव था।

महाविद्यालय के पूर्व छात्र टाइटस मन्ना ने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, ‘‘दिसंबर 2016 में उस पर महाविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ करने के लिए बाहरी लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगा था। इस घटना के संबंध में कस्बा थाने में प्राथमिकी और जवाबी प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, लेकिन किसी अज्ञात कारण से मामले वापस ले लिए गए।’’

पुलिस ने बताया कि मिश्रा 2017 में फिर से सामने आया, जब उसने कानून की पढ़ाई करने के लिए उसी कॉलेज में दोबारा दाखिला लिया और 2022 में पास होने तक वहां छात्र रहा।

उसके कुछ सहपाठी और समकालिक छात्र उसे ‘हमेशा परेशानी खड़ी करने वाला’ बताते हैं, जो कॉलेज परिसर में टीएमसीपी द्वारा संचालित यूनियन कार्यालय के अंदर मामूली बातों पर लड़कियों को परेशान करता था।

वास्तव में, छात्राओं द्वारा अतीत में की गई आधिकारिक शिकायतों से पता चलता है कि मिश्रा का लगातार कई वर्षों तक यौन आक्रामकता वाला व्यवहार रहा।

उसके हमलों से निराश लोगों का आरोप है कि उसे पूरे समय व्यवस्थित संरक्षण मिला, जिससे उसे निडर होकर अपने अपराध करने का साहस मिला।

मन्ना ने आरोप लगाया कि 2018 में छेड़छाड़ और धमकी का आरोप लगाते हुए दो छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के समक्ष मिश्रा के खिलाफ शिकायत और गरियाहाट थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

मन्ना ने एक स्थानीय टीवी चैनल से कहा, ‘‘एक मामला शुरू किया गया और पीड़ितों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने गोपनीय बयान प्रस्तुत किए। हालांकि, अजीब बात यह है कि उस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता है कि 2022 में एक महिला का शील भंग करने के लिए उसके खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जबकि मई 2024 में कॉलेज अधिकारियों ने एक सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के लिए उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।’’

मन्ना ने कहा कि उसे इन सभी वर्षों में मिश्रा के खिलाफ की गई किसी भी कानूनी कार्रवाई के बारे में पता नहीं है और उसने आरोप लगाया कि उसे हर बार छोड़ दिया गया।

सहपाठी ने बताया कि मुख्य आरोपी, दोस्तों के बीच मैंगो के नाम से जाना जाता है, वह लड़कियों को यूनियन रूम में बुलाता था, वहां शराब पीता था और उसे कई बार चेतावनी भी दी गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन उसकी गुंडागर्दी जारी रही।’’

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश

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