नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा)केंद्र ने विशेष रूप से बढ़ती जलवायु चुनौतियों के मद्देनजर समुदाय आधारित भूजल प्रबंधन में सुधार करने और जल संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने में अटल भूजल योजना की सफलता का हवाला देते हुए इसका पूरे देश में विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
यह योजना अटल जल नाम से लोकप्रिय है।
यहां अटल जल की राष्ट्रीय स्तरीय संचालन समिति (एनएलएससी) की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने इस योजना को एक ‘अद्वितीय और अग्रणी पहल’ बताया, जिसने स्थानीय समुदायों को भूजल उपयोग का स्वामित्व अपने हाथों में लेने के लिए सशक्त बनाया है।
मुखर्जी ने जल चक्र पर जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते प्रभाव की ओर इशारा करते हुए, राष्ट्रीय स्तर पर अटल जल को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों में अनिवार्य जल बजट की वकालत की और बैठक में भाग लेने वाले राज्यों से इस योजना के तहत स्थापित बुनियादी ढांचे के लिए दीर्घकालिक संचालन और रखरखाव योजनाएं विकसित करने की अपील की।
मुखर्जी ने राज्यों को सफल प्रायोगिक परियोजनाओं को दोहराने तथा कार्यान्वयन के दौरान विकसित ज्ञान और कौशल का उपयोग जल संरक्षण की अन्य पहलों को बढ़ाने के लिए करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा,‘‘समुदायों को भूजल प्रबंधन में केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिए।’’
भाषा राजकुमार नरेश
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