नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) साल 2016 में लापता हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने सोमवार को कहा, ‘‘नजीब के लिए मेरा इंतजार मेरी आखिरी सांस तक जारी रहेगा।’’
उन्होंने कहा कि वह भविष्य की कार्रवाई के बारे में विचार करने के लिए अपने वकीलों से बात करेंगी।
दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को अहमद का मामला बंद करने की सोमवार को अनुमति देते हुए कहा कि एजेंसी ने ‘‘सभी विकल्प आजमा लिए हैं।’’
अहमद कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों के साथ हुई झड़प के एक दिन बाद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से लापता हो गया था।
नफीस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर बात करते हुए कहा, ‘‘मैं अपने वकीलों से बात करूंगी। लेकिन नजीब के लिए मेरा इंतजार मेरी आखिरी सांस तक जारी रहेगा। मैं हर दिन उसके लिए दुआ करती हूं और मुझे उम्मीद है कि मुझे एक दिन इंसाफ मिलेगा।’’
नफीस अपने बेटे के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शनों में शामिल रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है।
सीबीआई ने अक्टूबर 2018 में मामले की जांच बंद कर दी थी, क्योंकि जेएनयू में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्र अहमद का पता लगाने में एजेंसी को कोई कामयाबी नहीं मिली।
दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद एजेंसी ने मामले में अदालत के समक्ष अपनी ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की।
नफीस के वकील ने पहले कहा था कि यह एक ‘‘राजनीतिक मामला’’ है, जिसमें ‘‘सीबीआई अपने आकाओं के दबाव के आगे झुक गई है।’’
भाषा
नोमान धीरज
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