(सौम्या शुक्ला)
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) सोशल मीडिया पर बातचीत दिल्ली के एक निवासी को बहुत महंगी पड़ गयी लेकिन इससे एक ऐसे स्टॉक निवेश घोटाले का पर्दाफाश हुआ जो नेपाल के एक होटल से संचालित किया जा रहा था। इस घोटाले में महज एक महीने में 10 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई थी। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में दो लोगों शशि प्रताप सिंह (28) और निहाल पांडे (27) को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है।
शशि ने बीबीए में स्नातक किया है तो वहीं, निहाल पांडे के पास एमसीए की डिग्री है।
शशि ने खुलासा किया कि निहाल उसे नेपाल ले गया था, जहां से ये फर्जी काम संचालित किया जा रहा था।
निहाल ने खुलासा किया कि एक व्यक्ति ने उसे धोखाधड़ी से प्राप्त धन को वैध बनाने के लिए कई बैंक खातों की व्यवस्था करने का काम सौंपा था।
शाहदरा के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने कहा, ‘‘निहाल शशि को नेपाल ले गया था, जहां वे तीन अन्य लोगों के साथ एक होटल में रुके और एक व्यक्ति को सिम कार्ड और बैंक खाते से जुड़ी जानकारियां दे दीं।’’
उन्होंने बताया कि बदले में शशि को लेनदेन पर 1.5 प्रतिशत कमीशन देने का वादा किया गया था और कथित तौर पर 8-10 लाख रुपये नकद मिले थे।
पुलिस ने बताया कि सिर्फ एक निजी बैंक खाते का उपयोग करके एक महीने में कुल 10.40 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया था।
अधिकारी गौतम ने बताया, ‘‘यह मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता सचिन कुमार तोमर ने 8.15 लाख रुपये की धोखाधड़ी के बाद पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया कि उसे साक्षी यादव नाम की एक महिला ने ऑनलाइन कारोबार मंच में निवेश करने का लालच दिया था। वह यादव से सोशल मीडिया के जरिए ही जुड़ा था।’’
अधिकारी के अनुसार, यादव ने पीड़ित को कारोबार के लिए एक खाता खोलने के लिए राजी किया और उसे एक मैसेजिंग ग्रुप में जोड़ दिया तथा दावा किया कि यह ग्रुप उसके (साक्षी यादव) चाचा और राकेश नामक एक सहयोगी द्वारा संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि तोमर ने बैंक खातों में 8.15 लाख रुपए जमा किए। हालांकि, जब उसने निवेश करने पर ‘मुनाफे’ पर मिले पैसे निकालने की कोशिश की तो लेनदेन विफल हो गया और खाते तक उनकी पहुंच को भी बंद कर दिया गया था।
डीसीपी ने बताया कि मामला दर्ज किया गया और जांचकर्ताओं ने पाया कि ठगी गई रकम में से 5.75 लाख रुपये एक निजी बैंक खाते में भेजे गए थे। मामले में और जांच करने पर पता चला कि यह खाता शशि और उसके पिता रमाशंकर सिंह के नाम से संयुक्त रूप से था।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शशि के पिता ने हालांकि लेन-देन के बारे में कोई जानकारी न होने का दावा किया है, लेकिन उन्होंने संयुक्त खाताधारक होने की बात स्वीकार की है। कड़ी पूछताछ के बाद शशि को गिरफ्तार कर लिया गया।”
उन्होंने बताया कि निहाल को भी गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह गिरोह पहले सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करता था और खुद को वित्तीय विशेषज्ञ बताता था। फिर वे पीड़ितों को शेयर बाजार में निवेश करने पर अधिक मुनाफा दिलाने का वादा करके अपने जाल में फंसाते थे।
भाषा प्रीति नरेश
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