नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को जुलाई में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया और मध्य भारत,उत्तराखंड और हरियाणा के अधिकारियों तथा लोगों को बाढ़ के संभावित खतरे के कारण सतर्क रहने का सुझाव दिया। इसने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में मानसून के कारण भारी बारिश हो रही है।
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश से हुए नुकसान, इमारतें ढहने, भूस्खलन और सड़क जाम ने सोमवार को पहाड़ी राज्य के लोगों की चिंताओं को और बढ़ा दिया।
अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि उत्तरी ओडिशा में प्रमुख नदियों के उफान पर होने के कारण, राज्य सरकार ने निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है और बालासोर और मयूरभंज जिलों में बचाव और राहत अभियान शुरू किया गया है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सोमवार सुबह गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई और तेज हवाएं चलीं, जिससे तापमान कई डिग्री नीचे चला गया और हवा साफ हो गई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार रात से दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में व्यापक वर्षा दर्ज की।
चंडीगढ़ और पंजाब एवं हरियाणा के कई हिस्सों में भी सोमवार को बारिश हुई। स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार, चंडीगढ़ में सोमवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटे में 70.5 मिमी बारिश हुई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत के कई इलाकों और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि कई क्षेत्रों में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है, लेकिन पूर्वोत्तर, उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है।
देश में जुलाई में औसतन 28 सेमी बारिश होती है।
महापात्रा ने कहा कि मध्य भारत और आसपास के दक्षिणी प्रायद्वीप में भारी बारिश की संभावना है। इसमें पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ और तेलंगाना के आसपास के इलाके और गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हरियाणा में भी अच्छी बारिश की उम्मीद है।
महापात्रा ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में दिल्ली सहित कई शहर और कस्बे शामिल हैं। दक्षिण की ओर बहने वाली कई नदियां उत्तराखंड से निकलती हैं। हमें इन सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों, शहरों और कस्बों के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।’’
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सोमवार सुबह उपनगर भट्टाकुफर में पांच मंजिला एक इमारत ढह गई, जबकि रामपुर में बादल फटने से एक गौशाला से कई गायें बह गईं।
रामपुर के सरपारा ग्राम पंचायत के सिकासेरी गांव में बादल फटने से दो गौशालाएं, तीन गाय और दो बछड़े, एक रसोईघर और एक घर का एक कमरा बह गया। हालांकि, किसी इंसान की जान नहीं गई है।
पिछले साल जुलाई में सरपारा पंचायत के समेज में बादल फटने से 21 लोगों की जान चली गई थी। सोमवार सुबह मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर सहित सात जिलों के कुछ हिस्सों में मध्यम से उच्च स्तर की अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है।
इसने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया और पहाड़ी राज्य में छह जुलाई तक बारिश के जारी रहने का अनुमान जताया है।
आईएमडी ने रविवार रात से दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में व्यापक वर्षा दर्ज की। बारिश के कारण सोमवार को दिन के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार, सुबह 8.30 बजे सफदरजंग स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत से 3.9 डिग्री कम है।
हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ, हालांकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘संतोषजनक’ श्रेणी में बना रहा। सोमवार सुबह नौ बजे एक्यूआई 73 दर्ज किया गया, जबकि रविवार शाम को यह 83 था।
मौसम विभाग ने दिल्ली और एनसीआर के अधिकांश हिस्सों के लिए ‘येलो अलर्ट’ (सचेत रहने के लिए) जारी किया, जबकि उत्तर-पश्चिम दिल्ली जैसे कुछ हिस्से और एनसीआर के झज्जर, भिवानी और पानीपत जैसे क्षेत्र ग्रीन जोन (कोई चेतावनी नहीं) में हैं।
आईएमडी ने निवासियों को गरज के साथ बारिश होने के दौरान खुली जगहों में जाने से बचने और निचले इलाकों में संभावित जलभराव के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।
ओडिशा सरकार ने बालासोर और मयूरभंज जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है क्योंकि सुवर्णरेखा, बुधबलंग, जलाका और सोनो जैसी नदियों का जल स्तर बढ़ना जारी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सोमवार को दोपहर में राजघाट पर सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर 11.53 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान 10.36 मीटर से काफी ऊपर है।
बालासोर में कम से कम चार प्रखंड (बलियापाल, भोगराई, जलेश्वर और बस्ता) के प्रभावित होने की आशंका है। बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बाढ़ के पानी ने बालासोर और मयूरभंज के कुछ हिस्सों को जलमग्न कर दिया है। जिला प्रशासन ने निचले इलाकों और बाढ़ की आशंका वाले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है। बचाव और राहत अभियान जारी है। स्थिति नियंत्रण में है।’’
मंत्री ने बताया कि ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और अग्निशमन सेवा के कर्मी बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। सोमवार सुबह तक बालासोर में 1,138 लोगों को निकाला जा चुका था। एक अधिकारी ने बताया कि जिले में ओडीआरएएफ की चार टीम और अग्निशमन सेवा की पांच टीम तैनात की गई हैं।
आईएमडी ने पांच जुलाई तक राज्य में और बारिश होने का अनुमान जताया है।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश