रायपुर, 30 जून (भाषा) छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को करोड़ों रुपये के ‘शराब घोटाले’ मामले में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें गिरफ्तार कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आरोपी बनाया गया है।
कथित तौर पर 2100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था।
ईओडब्ल्यू के एक बयान में कहा गया है कि करीब 1200 पन्नों का आरोप पत्र यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दायर किया गया, जिसमें 2019 से 2023 के बीच आबकारी मंत्री रहे लखमा को आरोपी बनाया गया है।
इस पूरक आरोप पत्र के साथ राज्य की जांच एजेंसी ने तीन पूरक आरोप पत्रों सहित चार आरोप पत्र दायर किए हैं। इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में लखमा के खिलाफ यह पहला आरोप पत्र है।
आरोप पत्र का हवाला देते हुए ईओडब्ल्यू के बयान में कहा गया है कि अब तक की जांच में पता चला है कि आबकारी घोटाले के परिणामस्वरूप लखमा को 64 करोड़ रुपए का हिस्सा मिला है, जिसमें से 18 करोड़ रुपए के अवैध धन के निवेश/व्यय से संबंधित दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
बयान में कहा गया है कि कवासी लखमा वर्ष 2019 से 2023 के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार में आबकारी मंत्री रहे। इसके अनुसार जांच के दौरान साक्ष्यों और वित्तीय विश्लेषण से यह सिद्ध हुआ है कि लखमा, जो एक उत्तरदायित्वपूर्ण संवैधानिक पद पर आसीन थे, ने न केवल अपने कर्तव्यों की घोर उपेक्षा की, बल्कि मंत्री पद की शक्तियों का उपयोग कर नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप, अधिकारियों की पदस्थापना में प्रभाव, टेंडर प्रक्रियाओं में विकृति और नकद लेन-देन की एक समानांतर व्यवस्था स्थापित कर पूरे विभागीय तंत्र को भ्रष्टाचार के माध्यम से संचालित किया।
बयान में कहा गया है कि उनके संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित घोटाले को क्रियान्वित किया गया। इस कृत्य से अर्जित राशि को अपने व्यक्तिगत एवं पारिवारिक हितों के लिए प्रयुक्त कर भारी मात्रा में असम्यक लाभ अर्जित किया गया।
कोंटा (सुकमा जिला) विधानसभा सीट से छह बार विधायक रहे 72 वर्षीय लखमा पिछली सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं।
प्रवर्तन निदेशालय जो शराब घोटाला मामले की जांच कर रहा है, की एक रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया है।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था। कथित घोटाले में धनशोधन की जांच कर रहे ईडी ने पिछले साल दिसंबर में रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में लखमा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने लखमा को जनवरी में गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत में रायपुर केंद्रीय जेल में बंद है।
ईडी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के खजाने को ‘भारी नुकसान’ हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय भरी गई।
ईडी ने कहा था कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से हर महीने दो करोड़ रुपये मिल रहे थे और इस तरह उसने 36 महीनों में 72 करोड़ रुपये प्राप्त किए। इसमें आरोप लगाया गया है कि 68 लाख रुपये की नकदी सुकमा में कांग्रेस भवन के निर्माण में लगाई गई, 1.40 करोड़ रुपये का उपयोग सुकमा में कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा के घर के निर्माण में किया गया और 2.24 करोड़ रुपये का उपयोग रायपुर में उनके (कवासी लखमा) घर के निर्माण में किया गया।
इस महीने की शुरुआत में ईडी ने इन तीनों संपत्तियों को जब्त किया था। इन तीनों संपत्तियों की कीमत 6.15 करोड़ रुपये है।
भाषा संजीव शोभना
शोभना