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Tuesday, July 1, 2025

तेलंगाना में दवा उत्पादन संयंत्र में विस्फोट में 13 लोगों की मौत, 34 घायल

Newsतेलंगाना में दवा उत्पादन संयंत्र में विस्फोट में 13 लोगों की मौत, 34 घायल

(तस्वीरों के साथ)

संगारेड्डी (तेलंगाना), 30 जून (भाषा) तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में सिगाची इंडस्ट्रीज के दवा उत्पादन संयंत्र में सोमवार को हुए विस्फोट में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 34 लोग जख्मी हो गए। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने दी।

मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि जब विस्फोट हुआ तब संयंत्र में लगभग 90 लोग काम कर रहे थे। विस्फोट कथित तौर पर संदिग्ध रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण हुआ, जिससे आग भी लग गई।

बाद में शाम को एक पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मलबे से एक और शव निकाला गया है, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 13 हो गई है।

अधिकारी ने कहा, “ विस्फोट स्थल से 11 शव बरामद किए गए और दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।”

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कुछ श्रमिक लगभग 100 मीटर दूर जाकर गिरे।

राज्य के श्रम मंत्री जी. विवेक वेंकटस्वामी के साथ दुर्घटना स्थल का दौरा करने वाले नरसिम्हा ने संवाददाताओं को बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा जांच के बाद दुर्घटना का कारण पता चलेगा।

वेंकटस्वामी ने बताया कि 34 घायलों में से 12 की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि जलने के कारण इन पीड़ितों की श्वसन प्रणाली पर दबाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि शेष 22 लोग भी जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मृतकों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।

कंपनी ने कहा कि वह जानमाल के नुकसान पर गहरा शोक व्यक्त करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है। कंपनी ने इस बात पर जोर दिया कि इकाई का बीमा हुआ था। कंपनी ने प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।

सिगाची इंडस्ट्रीज ने यह भी कहा कि प्रभावित उपकरणों और संरचनाओं को बहाल करने के लिए उसके हैदराबाद संयंत्र में उत्पादन लगभग 90 दिनों के लिए रोक दिया जाएगा।

नियामक को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि श्रमिकों को हुए नुकसान के अतिरिक्त, इस घटना से संयंत्र के भीतर कुछ सहायक उपकरणों और नागरिक संरचनाओं को भी क्षति पहुंची है।

तेलंगाना राज्य आपदा मोचन और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने कहा कि संदेह है कि विस्फोट संयंत्र की सुखाने वाली (ड्राइंग) इकाई में हुआ था। हालांकि, पुलिस महानिरीक्षक (मल्टीजोन) वी सत्यनारायण ने संवाददाताओं से कहा कि यह रिएक्टर विस्फोट का मामला था।

रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया, ‘औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि सुखाने की प्रक्रिया या हैंडलिंग प्रक्रिया के दौरान दबाव बढ़ गया होगा, जिसके बाद सामग्री में विस्फोट हुआ, जिससे पूरी इमारत में विस्फोट हो गया।’

उन्होंने कहा कि ढही तीन मंजिला इमारत में फंसे लोगों की तलाश और बचाव के प्रयास भी जारी हैं।

सत्यनारायण ने बताया कि विस्फोट का असर पशम्यलारम क्षेत्र में लगभग पांच किलोमीटर तक महसूस किया गया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने घटना पर दुख जताया और अधिकारियों को फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाने तथा उन्हें आधुनिक उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

इस बीच, राज्य सरकार ने विस्फोट की घटना में जारी बचाव प्रयासों की निगरानी के लिए मुख्य सचिव रामकृष्ण राव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की है। यह समिति घटना की जांच भी करेगी।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाने का भी काम सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जितेन्द्र और मुख्य सचिव के साथ बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। उनके मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करने की उम्मीद है।

वेंकटस्वामी ने कहा कि फैक्टरी के प्रभारी की भी दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तथा ‘फैक्टरी की ओर से कोई भी हमें यह नहीं बता सका कि वास्तव में क्या हुआ।’

उन्होंने बताया कि घटना के बाद जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक 30 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गये।

मंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों को उचित अनुग्रह राशि सुनिश्चित की जाएगी तथा सरकार प्रभावित परिवारों को अंतरिम सहायता देने पर भी विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि कुछ मृतकों की पहचान के लिए अस्पतालों में डीएनए परीक्षण कराए जा रहे हैं।

राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कम से कम आधा दर्जन शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच की जरूरत है, क्योंकि वे इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है।

पुलिस महानिरीक्षक (मल्टी जोन) वी. सत्यनारायण ने फैक्टरी सूत्रों के हवाले से बताया कि विस्फोट के समय फैक्टरी में 150 लोग थे जबकि उस क्षेत्र में करीब 90 लोग थे जहां विस्फोट हुआ।

उन्होंने बताया कि विस्फोट सुबह 9.28 बजे से 9.35 बजे के बीच हुआ। कंपनी प्रबंधन ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी, जिसने अग्निशमन विभाग को सूचित किया।

उन्होंने बताया कि दमकल की करीब 10 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मी भी बचाव अभियान में लगे हुए हैं।

भाषा नोमान संतोष

संतोष

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