पुरी/भुवनेश्वर, 30 जून (भाषा) पुरी में भगदड़ में तीन लोगों की मौत और 50 अन्य के घायल हो जाने के एक दिन बाद ओडिशा की विकास आयुक्त (डीसी) अनु गर्ग ने सोमवार को इस घटना की प्रशासनिक जांच शुरू कर दी।
इस बीच, ओडिशा मानवाधिकार आयोग (ओएचआरसी) ने सोमवार को जिला प्रशासन और पुलिस से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित कदम उठाने को कहा।
गर्ग को पुरी में रथ यात्रा के दौरान श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ की घटना की जांच सौंपी गई है। उन्होंने पुरी का दौरा किया और उस जगह का निरीक्षण किया जहां भगदड़ हुई थी। गर्ग अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) भी हैं।
गर्ग ने पुरी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज मैंने उस जगह को देखा जहां रविवार सुबह भगदड़ मची थी। मैंने घटना से जुड़े लोगों से भी बात की है। मुझे मामले की जांच के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।’’
विकास आयुक्त ने यह भी कहा, ‘‘मैं उन परिस्थितियों की भी जांच करूंगी जिनके तहत ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। मैं यह भी देखूंगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और क्या उपाय किए जा सकते हैं।’’
घटनास्थल की पुष्टि करने के अलावा, गर्ग ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक, आईएएस अधिकारी अरबिंद पाधी से भी प्रारंभिक चर्चा की। पाधी अनुष्ठानों सहित रथ यात्रा के विभिन्न पहलुओं की देखरेख करते हैं।
इसके अलावा, गर्ग ने पुरी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी बात की।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों, जगन्नाथ मंदिर पुलिस (जेटीपी) के कर्मियों, वरिष्ठ सेवादारों और कुछ मीडियाकर्मियों से भी प्रारंभिक चर्चा की।
गर्ग ने सोमवार को पुरी का अपना पहला दौरा पूरा कर लिया। सूत्रों ने बताया कि वह आठ जुलाई को रथ यात्रा उत्सव के समापन के बाद जांच का अगला चरण शुरू करेंगी।
वह एक महीने में भगदड़ की घटना पर मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को रिपोर्ट सौंपेंगी।
राज्य भर में आक्रोश पैदा करने वाली इस दुखद घटना से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग ने पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को नोटिस जारी कर कहा कि वे ओएचआरसी को बताएं कि आखिर किस वजह से अचूक सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भगदड़ मची।
ओएचआरसी ने अधिकारियों को घायल व्यक्तियों को उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।
भाषा
राजकुमार संतोष
संतोष