हरिद्वार, एक जून (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि प्रदेश में सनातन संस्कृति पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने दी जाएगी और जनसांख्यिकी बदलाव को रोकने की दिशा में गंभीरता से काम किया जा रहा है ।
यहां कनखल में पद्म भूषण साध्वी ऋतंभरा के नवनिर्मित ‘वात्सल्य गंगा आश्रय’ का दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ संयुक्त रूप से साधु—संतों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में लोकार्पण करने के बाद धामी ने कहा कि हम देवभूमि में सनातन संस्कृति पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देंगे और हम जनसांख्यिकी बदलाव को रोकने की दिशा में गंभीरता के साथ काम कर रहे है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मूल स्वरूप को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ‘लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद’ जैसी विकृत मानसिकताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “देवभूमि का जो मूल अस्तित्व है, वह बचा रहना चाहिए। यह मेरा संकल्प है, देवभूमि का संकल्प है।”
धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हुई है तो दूसरे राज्यों में भी यह लागू हो सकती है। उन्होंने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड से जैसे मां गंगा निकलती है और यहां से निकलकर पूरे देश को जल और जीवन देने का काम करती हैं, उसी प्रकार समान नागरिक संहिता की यह गंगोत्री उत्तराखंड से निकली है और आने वाले समय में पूरे देश को इसका लाभ मिलेगा।”
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्य दिल्ली के लिए प्रेरणा हैं । उन्होंने कहा कि जो भी अच्छी योजनाएं मुख्यमंत्री धामी लायेंगे, वे दिल्ली में भी ले जायी जाएंगी ।
यमुना नदी को स्वच्छ, अविरल और सुंदर बनाने के अपने संकल्प को दोहराते हुए गुप्ता ने कहा कि उन्होंने मां गंगा के चरणों में आकर यही प्रार्थना की है।
साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण सम्मान मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार समस्त संत परंपरा और सनातन धर्म का सम्मान है।
लोकार्पण समारोह में पतंजलि के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, महानिर्वाणी अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी सहित अनेक साधु—संत मौजूद थे ।
भाषा सं. दीप्ति
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