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Tuesday, July 29, 2025

द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर भारत का दृष्टिकोण ‘‘निष्पक्ष एवं संतुलित’’ : इंडिगो सीईओ

Newsद्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर भारत का दृष्टिकोण ‘‘निष्पक्ष एवं संतुलित’’ : इंडिगो सीईओ

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) विमानन कंपनी इंडिगो के प्रमुख पीटर एल्बर्स ने सोमवार को कहा कि द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर सरकार का रुख ‘‘निष्पक्ष एवं संतुलित’’ है।

उन्होंने कहा कि किसी पक्ष के बार-बार काई दावा करने से वह बात सही नहीं हो जाती।

पीटर एल्बर्स ने विभिन्न विदेशी विमानन कंपनियों द्वारा भारत में अधिक उड़ानें संचालित करने का अधिकार मांगने की पृष्ठभूमि में यह बयान दिया। कुछ भारतीय विमानन कंपनियों ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है जो अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार करने पर विचार कर रही हैं।

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है और इंडिगो तथा एयर इंडिया बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं। साथ ही विदेशी शहरों के लिए अधिक सीधी सेवाएं संचालित कर रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की यहां वार्षिक आम बैठक के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में एल्बर्स ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि द्विपक्षीय समझौते का मतलब है कि दोनों पक्षों को किसी बात पर सहमत होना होगा और यदि एक पक्ष बार-बार कोई दावा करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसकी बात सही मान ली जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक द्विपक्षीय समझौता है, जिसका अर्थ है कि दोनों पक्षों को इस बात पर सहमत होना होगा कि दोनों पक्षों के लिए क्या हितकारी होगा। यदि एक पक्ष बहुत शोर मचाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरा पक्ष कहने लगे कि हां, हम ऐसा ही करेंगे।’’

एल्बर्स ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने विभिन्न देशों के साथ कई नए द्विपक्षीय उड़ान समझौते किए हैं।

वह द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

खाड़ी क्षेत्र की विमानन कंपनी एमिरेट्स के अध्यक्ष सर टिम क्लार्क ने भारतीय बाजार में खुली पहुंच की वकालत करते हुए रविवार को कहा था कि द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर प्रतिबंधात्मक प्रथाओं का कोई मतलब नहीं है।

इस बीच, आईएटीए के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि जैसे-जैसे भारतीय वाहक नए बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए विस्तार कर रहे हैं, हमें भारत में पहुंच के लिए भी वही दृष्टिकोण चाहिए होगा क्योंकि भारतीय वाहक दुनिया भर में हमारे बाजारों तक पहुंच बनाना चाहेंगे।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

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