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Saturday, August 2, 2025

विनफास्ट का तमिलनाडु में निवेश ईवी प्रोत्साहन योजना में लाभ का पात्र नहींः अधिकारी

Newsविनफास्ट का तमिलनाडु में निवेश ईवी प्रोत्साहन योजना में लाभ का पात्र नहींः अधिकारी

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) वियतनाम की इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता विनफास्ट का तमिलनाडु में किया जा रहा दो अरब डॉलर (16,000 करोड़ रुपये) का निवेश भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना के तहत लाभ पाने के लिए पात्र नहीं होगा। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र निवेश को अनुमोदन की तारीख के बाद आवेदक के बही-खाते में पूंजीकृत किया जाना चाहिए। इस तरह उपकरण और मशीनरी का इस्तेमाल भी अनुमोदित आवेदक बनने के बाद किया जाना चाहिए।

इस योजना के तहत आवेदन की खिड़की कुछ सप्ताह में 120 दिन या उससे अधिक समय के लिए खोली जाएगी।

विनग्रुप की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी विनफास्ट तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में दो अरब डॉलर के निवेश के एक संयंत्र लगा रही है। वह भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकार के साथ भी चर्चा कर रही है।

वियतनाम की कंपनी इस साल त्योहारी सीजन से पहले भारत में अपने वीएफ7 और वीएफ6 मॉडल को उतारने की योजना बना रही है। वह आने वाले वर्षों में देश में वार्षिक उत्पादन को बढ़ाकर 1.50 लाख ईवी करने का लक्ष्य रखती है ताकि उन्हें दूसरे देशों में निर्यात किया जा सके।

एक अधिकारी ने इस बारे में पूछे जाने पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘विनफास्ट ने पहले ही निवेश को संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया है, लिहाजा वे इस निवेश पर योजना के तहत लाभ पाने के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्हें योजना के तहत पात्रता हासिल करने के लिए 4,150 करोड़ रुपये का नया निवेश करना होगा।’’

इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि विनफास्ट पहले किए गए निवेश पर विचार करने का आग्रह कर रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना के तहत सोमवार को दिशानिर्देश जारी किए गए। इसके मुताबिक, स्वीकृत आवेदकों को आवेदन स्वीकृत होने की तारीख से पांच साल के लिए 15 प्रतिशत के कम सीमा शुल्क पर न्यूनतम 35,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य के साथ पूरी तरह तैयार इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात करने की अनुमति होगी।

स्वीकृत आवेदकों को योजना के प्रावधानों के अनुरूप न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। भारत में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना 15 मार्च, 2024 को अधिसूचित की गई थी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

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