मुंबई, दो जून (भाषा) वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजार में भी सोमवार को गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 77 अंक टूट गया। वैश्विक व्यापार को लेकर ताजा चिंता से दुनिया के अन्य बाजारों में गिरावट का रुख रहा जिसका असर घरेलू बाजार पर भी दिखा।
इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध, ब्रेंट क्रूड के दाम में तेज वृद्धि और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स एक समय 796.75 अंक तक लुढ़क गया था। हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार आया और अंत में यह 77.26 अंक के नुकसान के साथ बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 34.10 अंक यानी 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,716.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 224.55 अंक टूट गया था।
लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक सतीश चंद्र अलूरी ने कहा, ‘‘जून में अस्थिर शुरुआत के साथ मानक सूचकांक मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत करने की घोषणा के बाद नये व्यापार तनाव के कारण बाजार में सतर्क रुख देखने को मिला और कारोबार सीमित दायरे में रहा। जनवरी-मार्च, 2025 तिमाही में आश्चर्यजनक रूप से मजबूत जीडीपी वृद्धि के बाद सकारात्मक घरेलू संकेतों के बावजूद, व्यापार और युद्ध तक की बिगड़ती स्थिति की खबरों से सुबह बाजार काफी नीचे आ गया।
उन्होंने कहा, ‘‘… हालांकि, आरबीआई की इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती की उम्मीद के कारण बाजार में गिरावट सीमित रही।’’
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।
दूसरी ओर, लाभ में रहने वाले शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।
मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप 0.58 प्रतिशत चढ़ गया, जबकि छोटी कंपनियों से संबंधित स्मॉलकैप सूचकांक 0.36 प्रतिशत के लाभ में रहा।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी सकारात्मक दायरे में रहा। चीन में अवकाश के कारण बाजार बंद रहे।
यूरोपीय बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 6,449.74 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह इस्पात और एल्युमीनियम पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत करेंगे।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘संभावित शुल्क युद्ध और रूस तथा यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को लेकर नई चिंताओं के कारण घरेलू बाजार में लगातार तीसरे सप्ताह नरमी का दौर जारी रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निवेशक जोखिम से बचने का रुख अपना रहे हैं, लेकिन भारतीय बाजार ने मजबूती दिखायी है। इसे मजबूत संस्थागत निवेश तथा एफएमसीजी, रियल एस्टेट और वित्तीय क्षेत्रों से समर्थन मिल रहा है।’’
इस बीच, भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मई में तीन महीने के निचले स्तर 57.6 पर आ गई। मुद्रास्फीति दबाव, कमजोर मांग और भू-राजनीतिक परिस्थितियां इसकी मुख्य वजह रहीं। सोमवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) मई में घटकर 57.6 रहा, जो अप्रैल में 58.2 था। यह फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे कमजोर सुधार को दर्शाता है।
नायर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर में कटौती, बेहतर मानसून, चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और जीएसटी संग्रह समेत सहायक घरेलू वृहद आर्थिक संकेतकों से भी बाजार को समर्थन मिल रहा है।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत रही। इससे पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर रही। इस वृद्धि दर के साथ भारत की अर्थव्यवसथा 330.68 लाख करोड़ रुपये (3.9 ट्रिलियन डॉलर) की हो गयी।
रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, सकल जीएसटी संग्रह लगातार दूसरे महीने दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से ऊपर रहा। सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई में 16.4 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.28 प्रतिशत चढ़कर 64.84 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शुक्रवार को सेंसेक्स 182.01 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 82.90 अंक की गिरावट आई थी।
भाषा रमण अजय
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