नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपना हमला सोमवार को तेज करते हुए इस कार्रवाई को ‘‘राज्य प्रायोजित दमन’’ तथा उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का ‘‘उल्लंघन’’ करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और उन्हें “निर्दयी” कहा।
कोलकाता निवासी एवं पुणे के विधि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली शर्मिष्ठा को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के लिए 30 मई देर रात हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। उक्त वीडियो में कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी की गई थी और दावा किया गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप थे। बाद में उन्हें कोलकाता की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने इन्फ्लूएंसर को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पनोली की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए भाटिया ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘शर्मनाक! ममता बनर्जी की पुलिस कोलकाता से करीब 1,500 किलोमीटर का सफर तय करके सिर्फ इसलिए कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार करने पहुंची — क्योंकि उसने अपनी राय रखी थी, जिसके लिए उसने सार्वजनिक रूप से माफ़ी भी मांग ली थी! लेकिन यही पुलिस सन्देशखाली के आरोपियों को तब तक नहीं पकड़ी, जब तक माननीय उच्च न्यायालय ने फटकार नहीं लगायी।’’
उन्होंने लिखा कि मुर्शिदाबाद की हिंसा में तो आरोपियों को बचाने का काम किया गया, कार्रवाई करने का नहीं। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 का हनन है तथा आज देश पूछ रहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी की ढपली बजाने वाला ‘‘गैंग’’ कहां गया?
भाटिया ने कहा कि यह शासन नहीं, राजनीतिक प्रतिशोध है। यह कानून का पालन नहीं, बल्कि राज्य प्रायोजित दमन है। उन्होंने कहा, ‘निर्ममता’ बनर्जी पर शर्म आती है। यह लोकतंत्र की नृशंस हत्या है। मैं इस सत्ता के दुरुपयोग की कड़ी निंदा करता हूं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘अधिवक्ता समुदाय एवं सम्पूर्ण न्याय प्रिय समाज शर्मिष्ठा और उनके परिवार के साथ खड़ा है और यह समर्थन न केवल सांत्वना मात्र है, शर्मिष्ठा एवं उसके परिवार को किसी भी विधिक सहायता की जरूरत हो तो मैं निजी तौर पर भी हर संभव विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’’
पनोली की गिरफ्तारी पर विभिन्न वर्गों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया और आलोचना हुई है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने इंस्टाग्राम ‘इन्फ्लुएंसर’ शर्मिष्ठा पनोली की तत्काल रिहायी और निष्पक्ष सुनवायी की मांग एक जून को की थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मिश्रा ने कहा था कि सोशल मीडिया वीडियो के लिए तत्काल माफी मांगने के बावजूद गिरफ्तार की गई और न्यायिक हिरासत में भेजी गई पनोली के साथ वह पूरी दृढ़ता से खड़े हैं।
दिल्ली बार काउंसिल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में कथित टिप्पणियों के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई ‘इन्फ्लुएंसर’ शर्मिष्ठा पनोली की तत्काल रिहायी की सोमवार को मांग की।
कोलकाता पुलिस ने उन आलोचनाओं को खारिज किया है कि उउसे इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर को ‘अवैध रूप से’ गिरफ्तार किया है और दावा किया है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।
कोलकाता पुलिस ने पनोली की गिरफ्तारी का बचाव करते हुए कहा कि मामले की ‘विधिवत जांच की गई और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।’’
कोलकाता पुलिस ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘कोलकाता पुलिस ने कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वैधानिक रूप से काम किया। आरोपी को देशभक्ति या व्यक्तिगत विश्वास व्यक्त करने के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया है; कानूनी कार्रवाई समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देने वाली आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए की गई है।’’
भाषा अमित माधव
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