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नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) सशस्त्र संघर्ष और बड़े पैमाने पर विस्थापन से तबाह अफ्रीकी देश कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के साथ तैनाती के लिए सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 160 सदस्यीय टुकड़ी को रवाना किया गया, जिसमें 25 महिलाकर्मी शामिल हैं।
बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने लोधी रोड स्थित बल के मुख्यालय में टीम से मुलाकात की।
महानिदेशक ने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि भारत और बल का झंडा ऊंचा रहे।
चौधरी ने कहा, “आपका आचरण और काम अनुकरणीय होना चाहिए। आपको इस कार्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है और मुझे यकीन है कि आप यह सुनिश्चित करेंगे कि देश और बल का झंडा ऊंचा रहे।”
उन्होंने कर्मियों से कहा कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बल की कार्रवाई ने बीएसएफ को एक “अद्वितीय” पहचान दिलाई है और आपको उदाहरण प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जिसकी सीमा युगांडा, रवांडा और बुरुंडी से लगती है। आंतरिक अशांति के कारण कांगो को संयुक्त राष्ट्र के अधीन रखा गया है।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि कमांडेंट कैलाश सिंह मेहता के नेतृत्व में बीएसएफ की यह 18वीं टुकड़ी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बेनी में स्थित संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन (एमओएनयूएससीओ) में शामिल होगी।
उन्होंने बताया कि 160 सदस्यीय दल में सात अधिकारी, नौ अधीनस्थ अधिकारी और 144 अन्य कर्मी हैं, जिनमें एक महिला चिकित्सा अधिकारी और 24 महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “यह टुकड़ी बीएसएफ की 17वीं टुकड़ी की जगह लेगी, जो अब तक बेनी में तैनात थी और चार जून को वापस लौट रही है।”
प्रवक्ता ने बताया कि दल ने 11 सप्ताह तक तैनाती-पूर्व प्रशिक्षण लिया।
भाषा जोहेब रंजन
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