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Saturday, July 26, 2025

आयात शुल्क में कटौती के बाद खाद्य तेल कीमतों 5-6 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद

Newsआयात शुल्क में कटौती के बाद खाद्य तेल कीमतों 5-6 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद

कोलकाता, दो जून (भाषा) कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 10 प्रतिशत की कटौती करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद अगले दो सप्ताह में खुदरा स्तर पर भी खाद्य तेलों की कीमतों में 5-6 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद की जा रही है। अधिकारियों ने सोमवार को यह बात कही।

इमामी एग्रोटेक के निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुधाकर राव देसाई ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘खाद्य तेल की कीमतें जो हाल के महीनों में लगभग 17 प्रतिशत तक बढ़ गई थीं, अब धीरे-धीरे कम होने लगी हैं। हमें उम्मीद है कि यह बहुत जल्द ही एकल अंक में आ जाएगी।’’

पूर्वी भारत में अग्रणी ब्रांडेड खाद्य तेल निर्माता के कार्यकारी ने कहा कि हालांकि इसका लाभ लगभग एक पखवाड़े में खुदरा कीमतों में दिखने की उम्मीद है, लेकिन थोक बाजारों में कीमतों में नरमी के शुरुआती संकेत पहले ही दिखने लगे हैं।

मूल्य सुधार केवल आयातित तेलों तक ही सीमित नहीं होगा।

देसाई ने कहा, ‘‘यहां तक ​​कि सरसों तेल, जो आयात पर निर्भर नहीं है, खाद्य तेल बाजार में समग्र गिरावट के दबाव के कारण 3-4 प्रतिशत की कमी देख सकता है।’’

पर्दे के पीछे, नीतिगत बदलाव भारत के खाद्य तेल शोधन उद्योग को भी नई जान दे रहा है। कच्चे और परिष्कृत तेल शुल्क के बीच का अंतर 12.5 प्रतिशत से बढ़कर 22.5 प्रतिशत हो गया है, जिससे कंपनियों के लिए कच्चे तेल का आयात करना और उसे घरेलू स्तर पर परिष्कृत करना काफी अधिक लागत प्रभावी हो गया है।

हलदर वेंचर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केशव कुमार हलदर ने कहा, ‘‘10 प्रतिशत शुल्क कटौती, एक बड़ा बदलाव है।’’

सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कृषि फर्म के प्रमुख ने कहा, ‘‘सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल जैसे आयातित खाद्य तेलों की घरेलू खुदरा कीमतों में धीरे-धीरे गिरावट आने की उम्मीद है। यह गिरावट चावल भूसी और सरसों तेल जैसे घरेलू रूप से उत्पादित तेलों तक भी फैलने की संभावना है।’’

उद्योग के अग्रणी कारोबारियों का अनुमान है कि रिफाइनिंग क्षेत्र में क्षमता उपयोग 20-25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जिससे केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलेगा और आयातित रिफाइंड तेल पर निर्भरता कम होगी।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

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