नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने दिल्ली की भाजपा सरकार की तीखी आलोचना करते हुए दावा किया है कि ‘मद्रासी कैंप में लगभग 800 झुग्गी-झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया, जबकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक रूप से आश्वासन दिया था कि किसी भी झुग्गी-झोपड़ी को नहीं छुआ जाएगा।’
दिल्ली सरकार या भाजपा की ओर से इस आरोप पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
आप के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को प्रेसवार्ता में भाजपा पर ‘गरीबों के साथ विश्वासघात’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने चुनाव के दौरान पक्के मकान का वादा किया था, लेकिन अब वे उन्हीं लोगों को हटाने के लिए बुलडोजर चला रहे हैं, जिनसे उन्होंने वोट मांगे थे।
भारद्वाज ने कहा, ‘‘मद्रासी कैंप 60 साल से है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता बच्चों के साथ कैरम खेलते थे और झुग्गियों में खाना खाते थे। आज उन्होंने उन्हीं घरों को ध्वस्त कर दिया है।’’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी इस अतिक्रमण विरोधी अभियान की आलोचना की और इसे ‘स्तब्ध करने वाला एवं दुखद कदम’ करार दिया।
यहां जारी एक बयान के अनुसार यादव ने आरोप लगाया कि रेखा गुप्ता सरकार ने चयनात्मक नीति अपनाई। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक आवास आवंटित करते समय, उसने खराब मौसम की स्थिति के बावजूद 155 परिवारों को आश्रयहीन छोड़ दिया। उन्होंने इसे गरीबों के जीवन के साथ ओछी राजनीति बताया।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बेदखली के मामले में भाजपा का रवैया उसके घोषणापत्र में किये गये वादों के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से जेजे क्लस्टर निवासियों के उत्थान का वादा किया गया था।
बयान के मुताबिक यादव ने दावा किया कि बेदखली अमानवीय तरीके से की गई, जिससे बच्चों की शिक्षा और लोगों की आजीविका बाधित हुई। उन्होंने कहा कि जिन्हें दूर नरेला में फ्लैट आवंटन किया गया है उनमें अब भी बिजली, पानी और परिवहन जैसी बुनियादी सेवाएं नहीं हैं।
सरकारी नोटिस के अनुसार, बस्ती में रहने वाले लगभग 370 परिवारों में से 189 को नरेला के फ्लैट में स्थानांतरित करने के योग्य पाया गया है। पिछले महीने बेदखली के नोटिस दिए गए थे। एक जून को अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के बाद कई परिवार बेघर हो गए।
तीस मई को जारी सरकारी नोटिस में (मद्रासी कैंप के)निवासियों को बताया गया कि 31 मई और एक जून को ट्रक उपलब्ध रहेंगे, ताकि उन्हें अन्य स्थानों पर जाने में सहायता मिल सके। लेकिन एक जून तड़के बुलडोजर पुलिस की मदद से पहुंच गये।
तमिलनाडु सरकार ने माना कि विध्वंस की कार्रवाई न्यायालय के आदेश के बाद की गई और उसने तमिलनाडु के विस्थापित किसी भी निवासी को घर लौटने के लिए सहायता की पेशकश की।
भारद्वाज ने यह भी दावा किया कि वजीरपुर में भी इसी तरह की तोड़फोड़ की जा रही है और उन्होंने मीडिया की चुप्पी की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ़ नीतिगत विफलता नहीं है, यह विश्वासघात है।’’
उन्होंने कहा कि यह घटना दिल्ली में झुग्गी पुनर्वास और राजनीतिक जवाबदेही को लेकर बढ़ते तनाव को उजागर करती है।
भाषा
राजकुमार रंजन
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