नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल ने देश की मूर्त और अमूर्त विरासत को संरक्षित करने में नयी ऊर्जा का संचार किया है तथा भारत की भावना को गर्व के साथ दुनिया तक पहुंचाया है।
अधिकारी ने कहा कि हम्पी के मंदिरों से लेकर शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य की जीवंत परंपराओं तक, और भूले-बिसरे नायकों को याद करने तथा आधुनिक उपकरणों के माध्यम से प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने तक, सरकार ने विरासत को संरक्षित करने और विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल नौ जून को तीसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली थी। उनकी सरकार अपने प्रमुख कदमों को रेखांकित करने और विकास एवं विरासत से जुड़े कार्यक्रमों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते लोगों से संपर्क कर रही है।
अधिकारी ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में भारत ने अपनी संस्कृति की रक्षा करने और इसे दुनिया के साथ साझा करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है, पवित्र स्थानों का कायाकल्प किया गया है और पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित किया गया है।”
अधिकारी के मुताबिक नयी सड़कों, स्वच्छ सुविधाओं और बेहतर सेवाओं से लोगों के लिए इन स्थानों पर जाना आसान हो गया है।
उन्होंने कहा, “भारत हर क्षेत्र और पृष्ठभूमि के अपने नायकों का जश्न भी मना रहा है। त्योहारों और योग से लेकर संगीत और कला तक, हमारी संस्कृति को अब कई देशों में अपनाया और सम्मान दिया जा रहा है।”
अधिकारी के अनुसार, दुनिया भर के लोगों में भारत की जीवन पद्धति के प्रति नयी रुचि पैदा हुई है।
उन्होंने कहा, “आज भारत की समृद्ध संस्कृति न केवल अपने देश में चमक बिखेर रही है, बल्कि दुनिया भर में प्रकाश फैला रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार पदभार संभाला था।
भाषा पारुल अविनाश
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