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Friday, July 18, 2025

बिहार: घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए संरक्षण अधिकारी के पदों को मंजूरी

Newsबिहार: घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए संरक्षण अधिकारी के पदों को मंजूरी

पटना, तीन जून (भाषा) बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए सभी जिलों और अनुमंडलों में पूर्णकालिक ‘संरक्षण अधिकारी’ के 390 पदों के सृजन को मंगलवार को मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

कैबिनेट ने इस उद्देश्य के लिए 390 पदों के सृजन के लिए राज्य समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

समाज कल्याण विभाग की सचिव और बिहार महिला एवं बाल विकास निगम (डब्ल्यूसीडीसी) की अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक बंदना प्रेयसी ने कैबिनेट के फैसले के तुरंत बाद ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “इससे पहले सरकार ने घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं की अधिक प्रभावी ढंग से सहायता करने के लिए अनुमंडल, जिला और राज्य स्तर पर पूर्णकालिक ‘संरक्षण अधिकारी’ नियुक्त करने के लिए एक अलग कैडर के निर्माण को मंजूरी दी थी। अब, कैबिनेट ने नए कैडर के तहत 390 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है और पूर्णकालिक संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।”

उन्होंने बताया, “राज्य के सभी 38 जिलों में पूर्णकालिक संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार द्वारा एक राज्य स्तरीय संरक्षण अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। यह निर्णय ‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005’ के मद्देनजर लिया गया है। राज्य में घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।”

बंदना ने बताया, “इस कदम का उद्देश्य परिवार के भीतर होने वाली किसी भी तरह की हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।”

अधिनियम के अनुसार, संरक्षण अधिकारी, मजिस्ट्रेट को उनके कार्यों के निर्वहन में सहायता करेगा और अगर पीड़ित महिला को शारीरिक चोटें लगी हैं, तो उसका चिकित्सकीय परीक्षण कराने और मेडिकल रिपोर्ट की एक प्रति थाने और उस क्षेत्र के मजिस्ट्रेट को भेजने के लिए भी जिम्मेदार होगा, जहां घरेलू हिंसा होने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दहेज निषेध अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 आदि के मामलों में घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए हैं।

बंदना ने बताया कि घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं विभिन्न प्रकार की सेवाएं भी प्रदान करती हैं।

इस वर्ष फरवरी में राज्य सरकार द्वारा जारी बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2024-25) के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित दर्ज और निपटाए गए मामलों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में बढ़ गई।

बंदना ने बताया कि 2023-24 में दर्ज कुल 7,517 मामलों में से महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 6,599 मामलों का निपटारा किया गया।

उन्होंने बताया कि 2023-24 में दर्ज सभी मामलों में से दहेज उत्पीड़न के सबसे अधिक 837 मामले दर्ज किए गए, जबकि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के 24 मामले दर्ज किए गए।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश

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