नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) सरकार संसद के आगामी सत्र में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगी और कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपों का सामना कर रहे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई के लिए सर्वदलीय सहमति बनाने का प्रयास करेगी। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू विभिन्न दलों के नेताओं से बात करेंगे ताकि उन्हें तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति की न्यायाधीश के खिलाफ सौंपी गई रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए राजी किया जा सके।
इस वर्ष मार्च में राष्ट्रीय राजधानी स्थित न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना हुई थी, जिसके बाद कथित तौर पर जली हुई नकदी बरामद हुई। उस समय न्यायमूर्ति वर्मा दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे।
न्यायाधीश वर्मा ने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने उन्हें दोषी ठहराया। विवाद के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए गए न्यायमूर्ति वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद न्यायमूर्ति खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।
भाषा शफीक माधव
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