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गुवाहाटी, तीन जून (भाषा) असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही और 20 से अधिक जिलों में 5.35 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बारिश और बाढ़ के बीच अब तक राज्य में 11 लोग मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से बात कर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और उन्हें केंद्र सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
शर्मा ने कछार जिले का दौरा किया, जो मौजूदा बाढ़ से राज्य के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। वहीं मौसम विभाग ने शहर के कई हिस्सों में और अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी पूर्वोत्तर में बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से सावधानी बरतने और स्थानीय प्राधिकारियों की ओर से जारी परामर्श का पालन करने की अपील की।
मोदी को फोन पर जानकारी देते हुए शर्मा ने बताया कि असम और आसपास के राज्यों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ आई है और इससे लोगों पर असर पड़ा है।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कुछ समय पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मुझे असम में मौजूदा बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया।’’
शर्मा ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान के बारे में भी अवगत कराया।
नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही भारी वर्षा से प्रभावित लोगों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भाजपा की राज्य इकाइयों और कार्यकर्ताओं को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हरसंभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में सभी से आवश्यक सावधानी बरतने, अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करने का आग्रह करता हूं।’’
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी), गुवाहाटी ने मंगलवार के लिए चार जिलों धुबरी, दक्षिण सलमारा मानकाचर, ग्वालपारा और कोकराझार के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
‘ऑरेंज अलर्ट’ का मतलब है ‘कार्रवाई के लिए तैयार रहें’ और यह तब जारी किया जाता है जब अलग-अलग स्थानों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवा के साथ आंधी और बिजली गिरने तथा भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना होती है।
गुवाहाटी में, ‘बाढ़ मुक्त मिशन’ के तहत प्राधिकारियों ने सिलसाको बील नाम के जलाशय के किनारे अतिक्रमण हटाने के लिए सहकारी प्रबंधन संस्थान की इमारत को ध्वस्त कर दिया।
अभियान की देखरेख कर रहे आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि प्रशासन शहर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए अन्य कदम उठाने के अलावा जल निकायों से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में है।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ तथा भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है, जबकि दो अन्य लापता हैं।
कई इलाकों में भारी बारिश के कारण राज्य में सड़क, रेल और नौका सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
राज्य के 22 जिलों के 65 राजस्व मंडलों और 1,254 गांवों में 5.15 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इसमें श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 1,94,172 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
कुल 165 राहत शिविरों में 31,212 विस्थापित लोगों को आश्रय दिया गया है, जबकि 157 अन्य राहत वितरण केंद्र भी कार्यरत हैं।
पिछले 24 घंटे में 12,610 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें जलमग्न हो गई हैं, जबकि 94 जानवर बाढ़ के पानी में बह गए हैं।
सोमवार देर शाम जारी आंकड़ों के अनुसार, ब्रह्मपुत्र, बराक और कोपिली नदियां कई स्थानों पर खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं, जबकि सुबनसिरी, बूढ़ी दिहिंग, धनसिरी, रुकनी, धलेश्वरी, कटाखल और कुशियारा सहित अन्य नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
भाषा यासिर सुरेश
सुरेश